कोविड के दौरान सुरक्षित गर्भ समापन की सेवाएं न मिलना एक बडी़ समस्या --नसीम अंसारी
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 28 September, 2020 16:01
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प्रतापगढ
28.09.2020
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
कोविड के दौरान सुरक्षित गर्भसमापन की सेवाएं न मिलना एक बड़ी समस्या – नसीम अंसारी
अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षित गर्भसमापन दिवस के अवसर पर आज चेतना सभागार प्रतापगढ जनपद के पट्टी में तरुण चेतना व सहयोग लखनऊ द्वारा मीडिया के साथ एक परिचर्चा आयोजित की गई, जिसमें तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने बताया कि कोविड के चलते सरकार द्वारा हेल्थ सेंटरों पर नसबंदी और आईयूसीडी की सेवाएँ रोक दिए जाने के कारण गर्भनिरोधक साधनों की अनुपलब्धता और इसके प्रयोग में काफ़ी हद तक कमी आई है जिससे अनचाहे गर्भ और असुरक्षित गर्भ समापन की सेवाओं में तेजी आई है क्योंकि जरूरतमंद लोगों को बिना डॉक्टर के पर्चे पर मेडिकल स्टोर से मिलने वाली गर्भ निरोधक दवाये, कंडोम, आदि को प्राप्त करने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। श्री अंसारी ने बताया कि विश्व में हर साल होने वाले 5.6 करोड़ गर्भसमापन में 2.5 करोड़ असुरक्षित होते है, जिसके कारण हर साल 22000 लड़कियों और महिलाओं की मृत्यु होती है- जो की दुनियाभर में होनी वाली मातृत्व मृत्यु का 8% है और अन्य 70 लाख महिलाओं को गंभीर या स्थायी नुकसान होता है | शोध बताते है के गर्भसमापन पर प्रतिबन्ध लगाने से गर्भसमापन कम नहीं होते है, बल्कि गरीब और वंचित समुदायों की लड़कियों और महिलाओं के लिए असुरक्षित गर्भसमापन को बढ़ावा देते है.
तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने बताया लॉकडाउन के दौरान फाउंडेशन फॉर रिप्रोडिकटिव हेल्थ ऑफ़ इंडिया के अध्यन के अनुसार इन गर्भनिरोधन सेवाओं के न हासिल करने की वजह से भारत में करीब 2.38 लाख अतिरिक्त अनचाहे गर्भधारण, 1.45 लाख अतिरिक्त गर्भपात जिसमे 834,042 असुरक्षित गर्भपात और 1,743 अतिरिक्त मातृ मृत्यु होने की संभावना है। ज्यादा समय तक ऐसा रहा तो इसका प्रभाव और भी भयानक होगा।
मीडिया वार्ता में राकेश कुमार गिरि ने बताया कि आज जरुरी है सरकार के द्वारा गर्भनिरोधक साधनों के बारे में जानकारी और सेवाएं समुदाय के जरूरतमंद लोगों तक पहुचाया जाए साथ ही साथ MTP कानून के तहत जानकारी व सेवाएं दी जाये और गर्भपात के बाद देखभाल भी सुनिश्चित किया जाये. श्री गिरि के अनुसार गर्भसमापन सेवाओं के बारे में बाधा डालने वाले मिथकों और गलतफहमी को दूर करना जरुरी हैं तभी सभी के लिए प्रजनन स्वास्थ्य को न्याय संगत बनाना जा सकता है.
कार्यक्रम में संतोष चतुर्वेदी, कलावती देवी, व बृजलाल वर्मा सहित मिडिया के विभिन्न प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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