न्यायालय को गुमराह करते हुए सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य को रोका गया।

न्यायालय को गुमराह करते हुए सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य को रोका गया।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज


ब्लॉक रिपोर्टर - हेमंत कुमार पाण्डेय


न्यायालय को गुमराह करते हुए सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य को रोका गया।

सोराव प्रयागराज। सोराव विकास खंड के ग्राम पंचायत दादूपुर में जहां शासन की मंशा के अनुरूप व जिला स्तर के अधिकारियों के निर्देशानुसार निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालय को उक्त ग्राम पंचायत निवासी लालता प्रसाद द्वारा ही न्यायालय को गुमराह करते हुए गलत तरीके से स्टे आर्डर लाकर कार्य बाधित करा दिया गया, जहां संबंधित ग्राम पंचायत लेखपाल इश्तियाक अहमद द्वारा जांच के उपरांत स्टे आर्डर को गलत बताया गया जिसके दृष्टिगत संबंधित सचिव द्वारा पत्राचार के माध्यम से न्याय की गुहार लगाया गया जानकारी के अनुसार उक्त विकासखंड के ग्राम पंचायत दादूपूर में जहां शासन के मनसाअनुरूप व जिला स्तर के अधिकारी के निर्देशन क्रम के अनुपालन क्रम को लेकर संबंधित ग्राम पंचायत सचिव राम शिरोमणि तिवारी व ग्राम प्रधान सुमन देवी द्वारा दिनांक 22 मई सन 20 को सामुदायिक शौचालय निर्माण हेतु भूमि को चिन्हित कराया गया। बता दें कि भूमिचिन्हित होने पश्चात सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य शुरू कराया गया मजे की बात तो यह है कि जब सामुदायिक शौचालय का निर्माण छतके करीब पहुंचा तो उक्त गांव निवासी लालता प्रसाद द्वारा एक सप्ताह के अंदर अपनी ही भूमि धरी भूमि जिसका नंबर 134 एवं 135 की खतौनी लगाकर  दीवानी न्यायालय के सिविल जज के यहां वाद प्रस्तुत कर स्टे आर्डर पारित करा लिया गया जिस के दृष्टिगत विभाग को विवश होकर निर्माण कार्य रोकना ही पड़ा। उल्लेखनीय है कि जहां उक्त मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए संबंधित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान द्वारा लेखपाल को बुलाकर पूरे प्रकरण की जानकारी ली गई जिसमें सत्यता पाया गया कि सामुदायिक शौचालय का निर्माण गाटा संख्या 435 जिसका रकबा 0.0110 में कराया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सामुदायिक संबंधित वाद में ग्राम प्रधान एवं हल्का लेखपाल को पक्षकार भी बनाया गया है जहां उक्त प्रकरण में कोई अंतिम आदेश पारित न होने के कारण कार्य बाधित पड़ा हुआ है जिस के संबंध में संबंधित सचिव द्वारा 21 अगस्त को सहायक विकास अधिकारी पंचायत सुरेंद्र प्रसाद को मामले की जानकारी से अवगत कराते हुए पत्राचार के माध्यम से अनुरोध किया गया कि  सोराव उप जिलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी को वस्तु स्थिति की जानकारी देते हुए यथोचित कार्यवाही कराए जाने के लिए अनुरोध किया जाए, जिससे मामले का निस्तारण कराया जाना संभव हो सके तथा सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूरा कराया जा सके। गौरतलब है कि सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के साथ ही साथ न्यायालय को गुमराह करने का अधिकार उनके पास कहां से आया जिसके लिए उन्हें सबक मिल सके।

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