सात माह से वेतन नहीं मिलने पर महाविद्यालय के शिक्षक ने की शिकायत।

सात माह से वेतन नहीं मिलने पर महाविद्यालय के शिक्षक ने की शिकायत।


प्रकाश प्रभाव न्यूज़

संवाददाता देशराज मौर्य



सात माह से वेतन नहीं मिलने पर महाविद्यालय के शिक्षक ने की शिकायत।



प्रबंधक के कारनामों की खोली पोल



अमेठी/जगदीशपुर मे स्थित राजीव गांधी महाविद्यालय मे कार्यरत शिक्षक राम कृपाल यादव के दिये गये शिकायत पत्र के अनुसार वह अमेठी जनपद के जगदीशपुर मे स्थित राजीव गांधी महाविद्यालय मे विगत बीस वर्षों से अर्थशास्त्र के प्रवक्ता के रुप मे कार्यरत है  महाविद्यालय मे प्रबंध कार्यकारिणी मे विवाद होने के कारण पिछले कई वर्षों से चुनाव होने से पूर्व प्रबंधक द्वारा तानाशाही पूर्वक मुझे जुलाई 2020 से वेतन नही दिया जा रहा है न ही उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है  जबकि मै लगातार जुलाई माह से समयानुसार महाविद्यालय आ रहा हूं उन्होंने पूर्व प्रबंधक पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा तानाशाही मनमानी पूर्वक महाविद्यालय का संचालन निम्न बिन्दुओं पर किया जा रहा है 

 स्थाई मान्यता के समय जिन अध्यापक का अनुमोदन हुआ था उनमें से एक भी अध्यापक नही पढ़ाते ,महाविद्यालय मे घोर वित्तीय अनियमितता के चलते वर्षो से आडिट नही हुआ है । महाविद्यालय की स्थाई मान्यता विश्वविद्यालय को गलत जमीन दिखाकर ली गई है ,डाक्टर नीलम पुत्री शंकर दत्त मिश्रा एक ही विश्वविद्यालय के अन्तर्गत दो महाविद्यालयो मे एक कार्यकाल मे कार्यरत है जिसमें उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय मे समन्वयक ,प्रवक्ता समाजशास्त्र एंव राजीव गांधी महाविद्यालय मे नोडल अधिकारी ,श्रीमती कमला राम उदित महाविद्यालय चंदौकि अमेठी मे गृहविज्ञान की प्रवक्ता के रूप मे है वही आंतरिक परीक्षक की भूमिका निभाती है एक साथ एक ही समय मे दो अलग अलग जगहों पर धोखाधड़ी कर गलत तरीकें से नाम बदल कर शिक्षण कार्य कर शिक्षा विभाग को दिगभ्रमित कर रही है और तो और इनका एक कारनामा सामने लाते  हुए बताया कि यह महोदया प्रबंधन समिति से रक्त सम्बन्धी है जो लाभ के पद पर कार्यरत है जबकि प्रबंधक ने शपथ पत्र मे बताया है कि मेरा कोई भी रक्त सम्बंधी लाभ के पद पर नही है ।सभी छात्र छात्राओं से छ: माह की फीस जमा कर ली गई है लेकिन वेतन का भुगतान नही किया जा रहा है ।आर्थिक तंगी के चलते पीड़ित शिक्षक ने मुख्यमंत्री के आई.जी.आर.एस पोर्टल पर पत्र लिखकर महाविद्यालय प्रबंधन मे की जा रही तानाशाही की जांचकर कर मानसिक सामाजिक प्रताड़ना से बचने हेतु अपना बकाया वेतन भुगतान कराये जाने की मांग की है ।

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