प्रतापगढ की बिगड़ती कानून व्यवस्था पुलिस अधीक्षक के लिए बन सकती है चुनौती
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 16 May, 2021 17:03
- 533

प्रतापगढ
16.05.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
प्रतापगढ़ की बिगड़ती कानून व्यवस्था पुलिस अधीक्षक के लिए बन सकती है चुनौती,
प्रतापगढ जनपद की बिगड़ती कानून व्यवस्था जिला प्रशासन को चुनौती दे रही है ,वहीं दूसरी ओर अपराधियों के सामने जिला प्रशासन मूकदर्शक की भूमिका में दिख रहा है । पिछले 4 दिनों में जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में घटी गोलीबारी की तीन बड़ी घटनाएं जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था को दर्शा रही है। मालूम हो कि प्रदेश के बहुचर्चित आईपीएस पुलिस अधिकारी प्रेम प्रकाश इलाहाबाद जोन के एडीजी बनाए गए हैं ,जिनके कंधों पर जनपद की कानून व्यवस्था की मानिटरिंग है वह भली प्रकार मानिटरिंग भी कर रहे हैं ,परंतु अभी तक अपराधियों के मन में पुलिस का जरा भी खौफ नहीं है । शायद यह बात भी प्रेम प्रकाश जी के लिए एक अबूझ पहेली बन कर सोचने के लिए विवश कर रही होगी, कि जिले की कानून व्यवस्था सुधार की ओर क्यों नहीं बढ़ रही है । मालूम हो कि चर्चित प्रेम प्रकाश जी प्रतापगढ़ जनपद में दो चक्र पुलिस कप्तान रहे हैं। जनता का उनके प्रति अगाध आस्था और लगाव है । उनकी कार्यशैली से प्रतापगढ़ की जनता भली-भांति पूर्व परिचित है ,और उनके विदाई काल में जनता ने फूल मालाओं से उन्हें विभिन्न जगहों पर सम्मानित किया था ।आज जनपद की जनता अपने पूर्व कप्तान प्रेम प्रकाश से पूर्व की भांति ही कार्यवाही की आशा लगाए बैठी है ,शायद उनके उस कार्यकाल की याद जनता को आ रही होगी, जिनमें इंटरसिटी ट्रेन की डकैती , सांगीपुर थाना क्षेत्र के शराब की दुकान में दिनदहाड़े हुई लूट। सांगीपुर की घटना तो इतनी साहसिक पुलिसिया कार्यवाही थी जो अविस्मरणीय है प्रेम प्रकाश जी के नेतृत्व में जिले की पुलिस सांगीपुर से दौड़ाकर लूट में वांछित अपराधियों को अमेठी थाना क्षेत्र के एक खेत में रात भर घेर कर रखा था और सुबह होने पर पुलिस मुठभेड़ में उन अपराधियों को मार गिराया और माल की बरामदगी की । बावरिया गिरोह का खुलासा आदि उनके कार्यकाल का जीवित प्रमाण है, शायद प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने प्रेम प्रकाश जी को बडी़ आशा के साथ इलाहाबाद जोन का दायित्व कार्यभार के रूप में सौंपा था कि पुलिस कप्तान के रुप प्रेम प्रकाश जी प्रतापगढ़ को भली प्रकार जानते हैं । जिले के वर्तमान पुलिस अधीक्षक जिले में पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने का यथाशक्ति हर संभव प्रयास कर रहे हैं ।जो अभी तक सार्थक होता नहीं दिख रहा है। तमाम प्रयासों के बावजूद भी जिले की जनता भू माफिया, शराब माफिया और बदतर पुलिस व्यवस्था की शिकार है। आम जनता में चर्चा है कि यदि वर्तमान पुलिस अधीक्षक अपने अधीनस्थ कर्मियों पर अंकुश लगा सकते तो जिला की जनता राहत की सांस ले पाती। अधीनस्थ पुलिस कर्मियों की स्थानीय अपराध माफियाओं व स्थानीय नेताओं से गहन सांठगांठ रहती है जिसके चलते पुलिस कप्तान के बेहतर कानून व्यवस्था के सपनों को पलीता लग रहा है ।विगत दिनों थाना लालगंज ,आसपुर देवसरा व रानीगंज की घटनाएं लोगों में असुरक्षा का आभास करा रही हैं।कई -कई महीनों से थाना प्रभारी एक ही थाना में अंगद की तरह पैर जमाये तेज तर्रार, कर्मठ एवं ईमानदार पुलिस अधीक्षक के उद्देश्य को पूरी तरह पलीता लगा रहे हैं। और थाना प्रभारी केवल धनदोहन करने में जुटे हैं। कुण्डा सर्किल में जहाँ अवैध शराब बरामद होने के बाद कुछ थाना प्रभारियो के विरुद्ध कार्रवाई की गयी वहीं सर्किल के एकाध थाना प्रभारी की भूमिका बिलकुल शर्मनाक है। जो वास्तविक घटना की प्राथमिकी उच्चाधिकारियों के आदेशों पर दर्ज करते हैं और फर्जी मुकदमा घटना के हफ्तों नहीं बल्कि दो महीने बाद बिना किसी उच्चाधिकारियों के आदेश पर स्वयं आदेश करके दर्ज किया जाता है।विपक्षियों से सांठ गांठ करके किसी भी शरीफ आदमी के खिलाफ अनाप सनाप पुलिसिया कार्यवाही करना उनकी आदत बन चुकी है।पुलिस अधीक्षक द्वारा यदि ऐसे भ्रष्टाचारी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं जाती और उनके क्रिया-कलापों पर अंकुश नहीं लगाया जाता तो पंचायत चुनाव के बाद गांवों में पैदा हुए विवाद के कारण हत्या जैसे जघन्य अपराधों से इंकार नहीं किया जा सकता है।
Comments