टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ऑन डिमांड लग्जरी कारों पर हाथ साफ करने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ऑन डिमांड लग्जरी कारों पर हाथ साफ करने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश

prakash prabhaw news

नोएडा

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ऑन डिमांड लग्जरी कारों पर हाथ साफ करने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश, आठ गिरफ्तार 

 

-10 लग्जरी कार, 74 चाबियां ड्रिल मशीन तथा सॉफ्टवेयर की एक्स टूल किट बरामद 


 नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो वाहन चोरी की घटनाओं को बड़े शातिर अंदाज में अंजाम देता था। ये वाहन चोर गिरोह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर लग्जरी कारों पर हाथ साफ करते हैं और  गाड़ियों के चेसिस नंबर और इंजन नंबर को मिटाकर दूसरी अन्य गाड़ियों के नंबर डाल देते हैं।

बाद में इन्हें दूसरे राज्यों में बेच देते हैं। पुलिस ने इस गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 10 लग्जरी कार दो लाख रुपया नगद और डिजिटल टूल किट एवं चाबियां आदि बरामद की है। वही इस गिरोह के सदस्य धाक जमाने के लिए असिस्टेंट ऑफ पुलिस कमिश्नर के फर्जी आईकार्ड का भी इस्तेमाल करते थे। फिलहाल नोएडा पुलिस इस खुलासे को अपनी बड़ी सफलता मान रही है


लंबी कतार में खड़ी है लग्जरी गाड़ियां दरअसल किसी शोरूम मैं नहीं बल्कि नोएडा के पुलिस ऑफिस में खड़ी हुई हैं। इन चमचमाती कारों 10 कारो को नोएडा पुलिस के सेक्टर 58 थाने की टीम ने शातिर वाहन चोरों से बरामद किया है। इन गाड़ियों में फॉर्च्यूनर, सफारी, हौंडा सिटी तथा कहीं-कहीं एक्सयूवी गाड़ियां भी हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से 74 चाबियां ड्रिल मशीन तथा सॉफ्टवेयर की एक्स टूल किट भी बरामद की है।


पुलिस के गिरोहों में खड़े यह आठों बेहद ही शातिर चोर हैं। इस गिरोह का सरगना कुलदीप वर्मा है। कुलदीप वर्मा अपने साथियों की मदद से इन लग्जरी कारों पर ऑन डिमांड चोरी कराता था और उसके बाद इन गाड़ियों के इंजन नंबर और चेसिस नंबर बदलकर अन्य दूसरे राज्यों में 4 से ₹5 लाख में बेच देता था। कुलदीप ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि जो पुरानी गाड़ियां या एक्सीडेंटल गाड़ियों की आरसी तथा उनके चेसिस नंबर देश के कोने कोने से जुटाते थे तथा उसी के डाटा पर गाड़ियों को चिन्हित कर उन्हें चुरा कर लोगो को बेच देते थे।


पुलिस को पूछताछ में इन चोरों ने यह भी बताया कि वह इन गाड़ियों को कैसे चुराते थे। पुलिस के मुताबिक इन गाड़ियों में डिजिटल सिक्योरिटी लॉक होते हैं जिनको तोड़ना किसी के लिए आसान बात नहीं होती है। लेकिन एक्स टूल किट के जरिए ये गाड़ी का पूरा डाटा इरेज़ कर नए तरीके का डाटा डालकर और उसे चाबी तैयार कर लेते थे।यह सब प्रक्रिया में मुश्किल से 3 से 4 मिनट लगता है। 


क्राइम रिकॉर्ड के मुताबिक रोजाना कई दर्जन गाड़ियां दिल्ली एनसीआर से चोरी की जाती हैं।नोएडा पुलिस भी लगातार हो रही वाहन चोरी की घटना से त्रस्त होकर पुलिस ने इस दिशा में काम किया और यह गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस फिलहाल इस ग्रुप के खुलासे के बाद अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन सवाल फिर भी बना हुआ है कि क्या शहर में ऐसे गिरोह और भी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

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