घटिया सामग्री से बन रही नाली हुई बदहाल, टूटी सड़क की मरम्मत कराना भी भूले जिम्मेदार
मोहनलालगंज नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले मऊ ग्राम में सीसी नाली के चौड़ीकरण के नाम पर खोदी गई सड़क व नाली विकास के नाम पर पैसे के बंदरबांट के चलते मरम्मत के मरहम को तरस रही है। ग्रामीणों ने नगर पंचायत के अधिकारियों पर "अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा" का आरोप लगाकर नाली के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल के चलते निर्माण कार्य रूकवा दिया लिहाजा नाली निर्माण न होने से टूटी सड़क पर वाहन तो क्या पैदल चलना भी दुश्वार है।
आलम यह है कि आए दिन उक्त रास्ते से गुजरने वाले दो पहिया चौपहिया वाहन उस नाली में फंस जाते हैं। वहीं लोगों के घरों व नालियों में इकट्ठा हो रहा गंदा बदबूदार पानी कई गंभीर संक्रामक बीमारियों को भी न्योता दे रहा है। स्थानीय लोगों ने कई बार नगर पंचायत के अधिकारियों से नाली व सड़क की मरम्मत की गुहार लगाई लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं।
नगर पंचायत मोहनलालगंज द्वारा लगभग एक माह पूर्व मऊ गांव में सीसी नाली का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था। नाली चौड़ीकरण के नाम पर कई लोगों के चबूतरे और चहारदीवारी तक खोदकर गिरा दी गई लेकिन लोगों ने जनहित के कार्य को देखते हुए नाली निर्माण कार्य में बाधा नहीं डाली। लेकिन इस दौरान नाली निर्माण करा रहे ठेकेदार ने सड़क को भी खोद कर डाल दिया।
लिहाजा उक्त मुहल्लों के लोगों के घरों से आने वाले पानी की निकासी पूरी तरह बंद हो गई। इंतहा तो तब हो गई जब नाली निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार ने मनमानी शुरू कर दी।
शासन से तय मानक के विपरीत कार्य करते हुए घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल कराना शुरू कर दिया जिस पर ठेकेदार की इस मनमानी का ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया और नाली निर्माण में तय मानक के अनुसार निर्माण सामग्री इस्तेमाल करने की बात कही। तो ठेकेदार ने नगर पंचायत के अधिकारियों के आदेश पर निर्माण कार्य कराने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। जिस ग्रामीणों ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन और डीएम समेत नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी विनय कुमार द्विवेदी से भी की। लेकिन शिकायत के बाद भी अब तक नाली का निर्माण नहीं कराया गया है।
लिहाजा उक्त मोहल्ले की नाली निर्माण और सड़क बदहाल पड़ी है। लेकिन ठेकेदार ने सड़क की मरम्मत कराने की सुध नहीं ली है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का आरोप है कि विकास के नाम पर शासन से आने वाले पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है।
आखिर शासन से आ रहा पैसा और नगर पंचायत के विकास कार्यों की जांच करेगा कौन..? फिलहाल मऊ की दुर्दशा को देख ग्रामीण सिर्फ एक ही बात कहते हैं कि "अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा"..।
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