स्कूटर मैकेनिक से बना भू-माफिया, योगी सरकार ने करोड़ों की अवैध संपत्ति पर चलाया बुलडोजर

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स्कूटर मैकेनिक से बना भू-माफिया, योगी सरकार ने करोड़ों की अवैध संपत्ति पर चलाया बुलडोजर
यमुनापार के रहने वाला जावेद उर्फ पप्पू गंजिया किसी समय नैनी इलाके के मेवा लाल बगिया तिराहे पर स्कूटर मैकेनिक का काम करता था। वर्ष 1991 में उसने एक शख्स गुलाब महरा का मर्डर कर दिया। इसके बाद वह स्कूटर मैकेनिक का काम छोड़कर जरायम की दुनिया में घुस गया। गंजिया ने फिर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।
उत्तर प्रदेश सरकार का भू-माफियाओं और गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। प्रयागराज में एक-एक कर सभी भू-माफियाओं की अवैध संपत्तियों को सरकारी बुलडोजर जमींदोज कर रहे हैं।
शुक्रवार को नैनी में भूमाफिया मोहम्मद जावेद उर्फ पप्पू गंजिया के अवैध फार्म हाउस और घर पर बुलडोजर चल गया। जिला प्रशासन और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की टीम ने उसके आलीशान घर और फार्म हाउस को गिरा दिया। इस दौरान भारी पुलिस बल मौजूद रहा। गिराई गई अवैध संपत्ति की कीमत 5 करोड़ के करीब बताई जा रही है।
यमुनापार के रहने वाला जावेद उर्फ पप्पू गंजिया किसी समय नैनी इलाके के मेवा लाल बगिया तिराहे पर स्कूटर मैकेनिक का काम करता था।
वर्ष 1991 में उसने एक शख्स गुलाब महरा का मर्डर कर दिया। इसके बाद वह स्कूटर मैकेनिक का काम छोड़कर जरायम की दुनिया में घुस गया। इस बीच पप्पू गंजिया ने हत्या, लूट, धमकी, रंगदारी और विवादित जमीनों को खरीद कर दूसरों को बेचने के काम जमकर किया। इससे उसने करोड़ों की संपत्ति पैदा कर ली।
अपराधी से नेता बनने का सफर
पप्पू गंजिया ने अपने इलाके में पार्षद का चुना लड़ा और जीत भी गया। उसका दबदबा कुछ ऐसा है कि नैनी इलाके की 3 सीटों पर उसके चुने हुए लोग ही सभासद बनते हैं। गंजिया ने फिर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। पप्पू गंजिया के अपराध के तार उत्तर प्रदेश ही नहीं, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र से भी जुड़े हैं। उस पर 30 से अधिक अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
नक्शा पास कराए बगैर खड़ी की बहुमंजिला इमारत
कार्रवाई के दौरान मौजूद प्रयागराज विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी श्री शुक्ला ने बताया कि जावेद उर्फ पप्पू गंजिया एक अपराधी किस्म का व्यक्ति है।
उसने जमीन पर कब्जा कर बिना पीडीए से नक्शा पास कराए बहुमंजिला इमारत बना ली, जिसे बुलडोजर चलाकर ढहा दिया गया। ढाई बीघा से अधिक जमीन पर इसका कब्जा था जिसका कुछ हिस्सा नजूल की जमीन में शामिल है।
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