बाजारों में धड़ल्ले से बेची जा मिलावटी सामग्री,

बाजारों में धड़ल्ले से बेची जा मिलावटी सामग्री,

पीलीभीत न्यूज

रिपोर्ट:- नीलेश चतुर्वेदी

बाजारों में धड़ल्ले से बेची जा मिलावटी सामग्री, खाद्य महकमा नहीं कर रहा कार्रवाई

पीलीभीत। होली का त्योहार नजदीक आते ही नगर में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले मौत के सौदागर सक्रिय हो गए हैं। मिलावट खोर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में खाद्य पदार्थों में मिलावट करके लोगों को बीमारियां बाटने के साथ-साथ मौत को दावत दे रहे हैं।

होली के त्योहार पर प्रत्येक घर में खाद्य पदार्थों को खरीदे जाते हैं। मिलावट खोर होली को बदरंग करने की तैयारी में जुट गए हैं। बाजार में बिकने वाला घी, सरसों का तेल, बेसन, आटा, हल्दी, धनिया, मिर्च, दूध, मावा, मिठाई समेत तमाम खाद्य सामग्री में मिलावट की जा रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक दुकानदार ने बताया कि 130 प्रति किलो बिकने वाला सरसों के तेल में 70-80 प्रति किलो बिकने वाला पाम आयल मिलाया जा रहा है। 90 प्रति किलो बिकने वाला बेसन में कम कीमत का बिकने वाले मटर का बेसन मिलाकर बेचा जा रहा है। मिलावट खोर मुनाफा कमाने के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ करने में लगे हैं।

बढ़ती मांग के कारण अधिक रुपए कमाने के चक्कर किराना व्यापारी, होटल संचालक व मिठाई के दुकानदार खाद्य पदार्थों में मिलावट करने में लगे हुए हैं। खाद्य पदार्थ में मिलावट करने वाले होली के त्यौहार में व अन्य त्यौहार में विभिन्न सामान बाहर से मंगा लेते हैं। इतना ही नहीं खाद्य पदार्थों में जमकर मिलावट की जा रही है। इस प्रकार के मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने वाले के शरीर में पहुंचकर धीमे जहर का काम कर रहे हैं। मिलावट करने वाले मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री कर ग्राहकों को ब्लड प्रेशर, शुगर, खांसी, जुखाम, बुखार तथा कैंसर जैसी बीमारियां होली के मौके पर तोहफे के रुप में दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नगर व क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मिलावटी मावा तथा कृत्रिम रंगों से मिठाईयां तैयारी की जा रही हैं। वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग की संदिग्ध कार्यवाही करता है यानी कि कई बार टीम तो आती है और छापेमारी भी करती है किंतु चहेते दुकानदारों को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया जाता है। जिसकी चर्चा पूरे नगर क्षेत्र में होती है और लोग कहते हैं कि सुविधा शुल्क के गलियारों में विभाग के जिम्मेदार कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। होली के त्यौहार पर मिठाई की मांग बढ़ जाती है। इसलिए मिलावट खोर जम कर फायदा उठाते हैं और यह गोरखधंधा क्षेत्र में खूब फलफूल रहा है।

बता दें कि हर त्योहार जैसे दीपावली होली अन्य त्योहारों पर जिम्मेदार विभाग चैकिंग के नाम पर छोटे या कहे कि सिस्टम के अनुरुप सुविधा शुल्क न देने वाले दुकानदारों को निशाना बनाते हैं एवं अपने किराना वाले, मावा वाले, होटल वाले, मिलावटी गुटखा वालो से मिलकर चले जाते हैं और जिस दिन गंभीर रुप से चैकिंग होना होती है तो विभागीय कर्मचारी फोन से सूचना अपने चहेतों को दे देते हैं। जिसके परिणाम स्वरुप पहले ही नगर की दुकानें बंद हो जाती है। होली के त्यौहार पर गुजिया घर घर बनने के कारण मावा की मांग बढ़ जाती है। ज्यादा खपत करने के लिए दुकानदार मिलावटी मावा तैयार कर पहले से ही रख लेते हैं और मन मर्जी के मुताबिक भाव के दामों में बेचते हैं। जिसके चलते अधिकांश लोग बीमारी की चपेट में आकर चिकित्सकों की शरण ले रहे हैं।

इस सम्बन्ध में अभिहित अधिकारी शशांक त्रिपाठी के अनुसार 13 मार्च में शहर में अभियान चलाकर कार्यवाही की जायेगी।

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