सावधान : बिना कार्ड और बिना मोबाइल otp के भी खाते से निकल गए पैसे जानिये बिना आपकी जानकारी चोरी हो रही कैसे।

सावधान : बिना कार्ड और बिना  मोबाइल otp के भी खाते से निकल गए पैसे जानिये बिना आपकी जानकारी चोरी हो रही कैसे।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज


रिपोर्टर - नीरज शर्मा


सावधान : बिना कार्ड और बिना  मोबाइल otp के भी खाते से निकल गए पैसे जानिये बिना आपकी जानकारी चोरी हो रही कैसे।


कुछ दिन पहले नोएडा (Noida) में रहने वाले एक पत्रकार के क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से 79 हज़ार रुपये निकाल लिए गए, जबकि कार्ड और मोबाइल (Mobile) में आया ओटीपी (OTP) उनके पास ही था. एक साल पहले दिल्ली (Delhi) के एलजी हाउस में काम करने वाले एक कर्मचारी के खाते से हज़ारों रुपये की रकम निकाल ली गई. इस केस में भी उनका एटीएम कार्ड (ATM Card) और मोबाइल उनके ही पास था, फिर भी पैसे निकाल लिए गए।

ऐेसे एक नहीं हजारों केस हैं, लेकिन सवाल यह है कि जब कार्ड और मोबाइल आपके पास है तो पैसे कैसे निकल जा रहे हैं. इस बारे में खुलासा करते हुए साइबर फॉरेंसिक एक्सपर्ट (Cyber Expert) दानिश शर्मा ने बताया इस खास सॉफ्टवेयर के बारे में. 


*एक ओटीपी के 10 ओटीपी नंबर तैयार करता है यह*

बिना कार्ड और ओटीपी नंबर के खाते से पैसे निकलने के बारे में साइबर फॉरेंसिक एक्सपर्ट दानिश शर्मा ने बताया, आजकल बाज़ार में एक खास सॉफ्टवेयर आया हुआ है. यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से बिक रहा है. लेकिन ऑनलाइन की डिमांड ज़्यादा है. इसकी वजह है कि ऑनलाइन अच्छे से काम कर रहा है।

उन्होंने बताया कि हैकर आजकल इस सॉफ्टवेयर के साथ काम कर रहे हैं. आपके अकाउंट से पैसे निकालने के दौरान हैकर इस सॉफ्टवेयर में पहले से चुराई गई आपके कार्ड की कुछ जानकारी देते रहते हैं. आपके कार्ड का सीवीवी नंबर (CVV Number) भी उनके पास होता है. सॉफ्टवेयर उस दौरान किये जा रहे ट्रांजेक्शन के एक ओटीपी के 10 ओटीपी नंबर बनाकर तुरंत ही देता रहता है।

*ऐसे बनते हैं एक ओटीपी के 10 ओटीपी नंबर*

साइबर एक्सपर्ट दानिश शर्मा इस बारे में बताते हैं कि एक ओटीपी नंबर का अपना एक एल्गोरिदम होता है. यह एक कोडिंग की तरह से होती है. सामान्य भाषा में कहें तो एक ओटीपी 10 तरह से काम कर सकता है. ऐसा नहीं है कि आपके मोबाइल में आए ओटीपी नंबर 6484 को ही डालने पर पैसे निकलेंगे. इस नंबर को उलट-पलट करने पर भी यह काम करेगा. लेकिन इस नंबर को उसी सीरीज में कैसे बदलना है यह काम वो सॉफ्टवेयर करता है जो ऑनलाइन ब्लैक मार्केट में बिक रहा है।

*कार्ड पर न रहने दें CVV नंबर*

साइबर एक्सपर्ट दानिश शर्मा का कहना है कि अपने क्रेडिट और एटीएम कार्ड पर किसी भी हाल में सीवीवी नंबर को न छोड़ें. नंबर याद करने के बाद या घर-ऑफिस में कहीं लिखने के बाद कार्ड पर उसे छिपा दें. जैसे उस पर कुछ लिख दें या उसके ऊपर टेप चिपका दें. ऐसा करने से आपके कार्ड पर कोई असर नहीं पड़ेगा. ट्रांजेक्शन करने में कोई परेशानी नहीं आएगी.

*कार्ड दूसरे हाथ में देने पर होते हैं ऐसे केस*

आप बाज़ार गए या पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और सामान खरीदने के बाद पेमेंट कार्ड से करते हैं तो इस दौरान कुछ लोग चालाकी के साथ आपके कार्ड की फोटो ले लेते हैं या फिर सीसीटीवी में उसकी फुटेज ले लेते हैं. साथ में सीवीवी नंबर भी चला जाता है.


*ऐसे बच सकते हैं ऑनलाइन फ्रॉड से*


किसी भी तरह का कॉर्ड खुद से ही स्‍वैप करें।

किसी दूसरे के हाथ में अपना एटीएम कार्ड और पिन न दें, ये आत्‍महत्‍या करने जैसा कदम है।

मोबाइल पर कार्ड और नेट बैंकिंग से संबंधित कोई जानकारी न दें।

कोई भी बैंक अपने ग्राहक से कार्ड की जानकारी मोबाइल पर नहीं मांगती है।

विश्‍वसनीय जगह से ही कोई भी ऐप डाउनलोड करें।


मोबाइल पर आए किसी भी ऐसे-वैसे मैसेज को क्‍लिक न करें. इससे आपका सिम बंद और हैकर का चालू हो सकता है। दो रुपये का भी लेन-देन अगर आपकी मर्जी के बिना हुआ है तो तुरंत कस्‍टरमर केयर पर जाकर शिकायत करें या ऐप के जरिए कार्ड को ब्‍लॉक कर दें।

ई-वालेट वाले अपने मोबाइल को एक पासवर्ड जरूर दें।

हर किसी के हाथ में अपना मोबाइल न दें।

ऑनलाइन लेन-देन करने के बाद साइट को ठीक तरीके से बंद कर दें।

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