भ्रूण हत्या नारी सशक्ति करण को लेकर नुक्कड़ नाटक

भ्रूण हत्या नारी सशक्ति करण को लेकर नुक्कड़ नाटक

Prakash prabhaw news


भ्रूण हत्या नारी सशक्ति करण को लेकर नुक्कड़ नाटक  द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में किया गया जागरूक


रिपोर्टर-कमलेन्द्र सिंह


खागा/ फतेहपुर


मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत   विजयीपुर विकास के समस्त आंगन बाड़ी केंद्रों में थीम कन्या, भ्रूण हत्या, पर नाटक व पोस्टर द्वारा प्रदर्शन किया  गया। इस दौरान खण्ड विकास अधिकारी गोपी नाथ पाठक व बाल विकास परियोजना अधिकारी  आशीष कुमार पाण्डेय ने कन्वर्जेंस विभागों के साथ एक गोष्ठी ब्लॉक सभागार में आयोजित की। जिसमें खण्ड विकास अधिकारी   गोपी नाथ पाठक ने मिशन शक्ति को सफल बनाने के लिए सभी विभागों को कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने को कहा। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या में कमी लिंग भेदभाव मिटा कर व जन जागरूकता फ़ैला कर ही लाई जा सकती है। ब्लॉक के सभी आंगन बाड़ी केंद्रों पर महिलाओं/पुरुषों को नाटक व पोस्टर  के द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के कानूनी प्रावधान के बारे में  जानकारी प्रदान की गई। अल्लीपुर व टेनी केन्द्र पर एक नाटक का आयोजन किया गया। बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री पाण्डेय ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या ने बुराइयों की एक नई श्रृंखला को जन्म दिया है।पिछले तीन दशकों में बड़े पैमाने पर कन्या भ्रूण हत्या के कुप्रभाव गिरते लिंगानुपात और विवाह योग्य लडकों के लिए वधुओं की कमी के रूप में सामने आया है।कन्या भ्रूण हत्या के मतलब है मां की कोख से मादा भ्रूण  को निकाल फेंकना।कन्या भ्रूण हत्या की जांच के लिए,प्रसव पूर्व नैदानिक तकनीक (विनियमन और दुरुपयोग की रोकथाम) अधिनियम 1994 को 01 जनवरी 1996 से अमल में लाया गया।अधिनियम भ्रूण के लिंग के निर्धारण और प्रकटीकरण पर प्रतिबंध लगाता है।जो व्यक्ति अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघ न करता है, वह कारावास व जुर्माना के साथ दंड का भागीदार होता है।बाल पेंटिंग,पोस्टर प्रतियोगिता व नुक्कड़ नाटक द्वारा कन्या भ्रूण हत्या पर जन मानस का ध्यान आकर्षित किया जा सकता है।लड़का लड़की एक समान,दोनो को हैं समान अधिकार ,भ्रूण हत्या बन्द करो।,मुझे भी जीने का अधिकार है आदि स्लोगन केन्द्रों पर लिखवाने के लिए कहा गया।परियोजना के आंगन बाड़ी केंद्र महावतपुर असहट ,अल्लीपुर टेनी ,सरौली,त्रिलोचनपुर , गोदौरा पर श्रीमती मनोरमा देवी, माया देवी,मंजुला सिंह,गीता त्रिपाठी ,क्रान्ति देवी ,इंद्राणी,रज्जन देवी सहित सभी कार्यकत्रियों ने कार्यक्रम व गोष्ठी में प्रतिभाग किया।

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