भू माफियाओं की राडार पर हैं कई बेशकीमती जमीने !

जमीनों पर होने वाले कब्जों के तौर-तरीकों पर घिरने लगे हैं सत्ताधारी!
*पी पी एन न्यूज*
*(कमलेन्द्र सिंह)*
भू माफियाओं की राडार पर हैं कई बेशकीमती जमीने !
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*फिल्म का एक चर्चित* डायलॉग *गैरों में कहां दम थी मुझे अपनों ने ही लूटा -------!* शायद आज यह डायलॉग भाजपा के लिए उनके अपने ही साबित करने में लगे हैं ।जनपद में जो कुछ हो रहा है उससे यही लग रहा है कि यहां के कुछ सत्ताधारी नेता अवैध मौरंग खनन से लेकर जमीनों में होने वाले अवैध कब्जों ने भाजपा सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं पहले से ही अवैध मौरंग खनन और फिर मौरंग की ओवर डैंपिंग को लेकर जनपद काफी बदनामी झेल चुका है लेकिन अब तालाबों के अतिक्रमण से लेकर जमीनों में होने वाले कब्जों के तौर-तरीको पर सवाल उठने लगे हैं।
*पिछले हफ्ते* पत्थर कटा चौराहे के पास की एक जमीन पर जिस तरीके से रिहायशी मकान व उससे लगी जमीन पर कब्जा किया गया और दुकानों को तोड़ा गया वह भी भारी लाव लश्कर के साथ उससे सरकार की जमकर किरकिरी हुई ।तालाबों का अतिक्रमण तो यहां के भू माफियाओं के लिए रोजमर्रा की चीज हो गई है लेकिन पत्थर कटा चौराहे के पास की जमीन पर हुए कब्जे ने कानून व्यवस्था की भी धज्जियां उड़ाई ।शाम से शुरू देर रात तक होने वाला यह कब्ज़ा शहर में अभी भी चर्चा का विषय है। अभी इस कब्जे की आग ठंडी नहीं हो पाई थी कि ज्वाला गंज इलाके की एक जमीन पर कब्जे की तैयारी ने सभी के कान खड़े कर दिए हैं एक के बाद एक होने वाले कब्जे व अवैध जमीनों पर कब्जा करने की तैयारी पूरी जवानी पर है ज्वाला गंज इलाक़े का मामला हो या फिर पीडब्ल्यूडी डांग बंगले के ठीक सामने पुरातत्व की जमीन का यह दोनों भू माफियाओं की राडार पर हैं ।गांव की एक कहावत है कि *बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी* शायद इन जमीनों का यही हाल होने वाला है।
*सत्ता* के इशारे पर शुरू इस खेल को स्थानीय स्तर पर तो अब तक नहीं रोका जा सका । यदि प्रदेश स्तर के सत्ताधारी नेता फतेहपुर जनपद की ओर से इसी तरह मुंह फेरते रहे तो योगी सरकार को आने वाले दिनों में बदनाम होने से कोई नहीं बचा पाएगा।
*सवाल* आज सत्ताधारी व प्रशासन से नहीं है बल्कि जो कुछ भी हो रहा है वह आपके सामने हैं सवाल आपको ही करना है मुझे लगता है कि उत्तर भी आपको ही तलाशना होगा।
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