कुम्हार समाज के व्यापार पर पड़ रहा बुरा असर।

प्रकाश प्रभाव न्यूज
ब्यूरो इसराफील खान
कुम्हार समाज के व्यापार पर पड़ रहा बुरा असर।
जगदीशपुर अमेठी:-
कुम्हार समाज के मिट्टी का काम करने वाले कारीगरों पर इस कोरोना काल का बुरा असर पड़ा है। सालभर से इस सीजन के लिए तैयार कर रखी मटकियों व अन्य मिट्टी के सामानों को बेचने के लिए परेशान है लेकिन कोरोना काल और लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते बेच नहीं पा रहें है। ऐसे में कुम्हार कारीगरों के द्वारा कठिन मेहनत से बनाई गई मटकियाँ बेकार हो रही है।
मटकी बेचने वालों को लॉकडाउन में छूट मिले को बने बात
सरकार मटकी बनाने और बेचने वालों को लॉकडाउन में छूट प्रदान कर दे तो फिर भी कुछ राहत की उम्मीद जग सकती है। क्योंकि गर्मी के मई व जून माह अभी बाकी है। ऐसे में तपतपाती गर्मी में कुम्हार की मटकी का उपयोग हो सकता है। और इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी राहत मिल सकती है।
वही कुछ कुम्हारों द्वारा यह भी बताया गया कि उनको मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए तालाबो से और खेतों से मिट्टी नही मिलती है, लेकिन कहीं न कहीं से मिट्टी की व्यवस्था कर बर्तन बनाकर तैयार किया जाता है क्योंकि उनके सबके पास और कोई रोजगार का अवसर नही है, अब इस सर्द के मौसम मद बेचारे कुम्हारों के परिवार का जीवन यापन कैसे होता होगा,यह एक चिंता का विषय है सरकार को भी चाहिए कि वो इन गरीब कुम्हारों के लिए भी कोई योजना चालू करें जिससे कुम्हारों के घर की रोजी रोटी चल सके।
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