राजनीति के शलाका पुरुष स्व अटल जी के पावन स्मृति मे अश्रु पूरित श्रद्धांजलि

राजनीति के शलाका पुरुष स्व अटल जी के पावन स्मृति मे अश्रु पूरित  श्रद्धांजलि

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज


संग्रहकर्ता - सुरेश चंद्र मिश्रा  तहसील प्रभारी कोरांव


राजनीति के शलाका पुरुष स्व अटल जी के पावन स्मृति मे अश्रु पूरित  श्रद्धांजलि


श्रृद्धांजलि के सुमन सिसकते बहा रहे दृग से जल धारा।

अटल हिमालय आज टल गया सूरज परछाईं से हारा।

गंगा की धारा उदास है आज गोमती है दुखियारी। 

यमुना की लहरें स्तंभित हुए तिरोहित अटल बिहारी। 

नभ के देववृंद शोकातुर टूट गिरा सहसा ध्रुवतारा। 

अटल हिमालय आज टल गया सूरज परछाई से हारा।।1।।

लिखना और मिटाना जिसने काल कपालों पर सीखा था। 

क्रूर काल ग्रस गया उसी को सुन कर अंतर्मन चीखा था।

शब्दों का शिल्पी अपने श्रोता समूह को त्याग सिधारा। 

अटल हिमालय आज टल गया सूरज परछाई से हारा।। 2।।

जिसे विरोधी भी छुप छुप कर सुनते वह विद्वान खो गया। 

जिसके वांणी से संसद गर्वित वह पुरुष महान खो गया। 

चला गया वह जिसने भारत माता  का हर अंग संवारा। 

अटल हिमालय आज टल गया सूरज परछाई से हारा। 3।।

कर परमाणु  परीक्षण जिसने भारत का सन्मान बढाया। 

बिना दाग धर दिया चदरिया राजनीति की शान बढाया।

महामहिम के आभा मंडल से आलोकित था जग सारा।  

अटल हिमालय आज टल गया सूरज परछाई से हारा। 4।।

वक्ता कवि अद्भुत व्याख्याता विप्रवंश अवतंस खो गया। 

राजनीति के मान सरोवर का अलबेला हंस खो गया। 

निर्मल,, टूटे हुए ह्रदय से करता है स्मरण तुम्हारा  

अटल हिमालय आज टल  गया सूरज परछाई से हारा। 

श्रद्दांजलि के सुमन सिसक कर बहा रहे दृग से जल धारा। 5।।जै जानकी जीवन।।

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