असमंजस में रहे धर्मगुरु, कहीं खुले तो कहीं बंद रहे धर्मस्थल

असमंजस में रहे धर्मगुरु, कहीं खुले तो कहीं बंद रहे धर्मस्थल

Prakash Prabhaw News

पीलीभीत न्यूज


असमंजस में रहे धर्मगुरु, कहीं खुले तो कहीं बंद रहे धर्मस्थल

पीलीभीत(नीलेश चतुर्वेदी) : अनलॉक-1 में सरकार ने आठ जून को धर्मस्थल खोलने का आदेश जारी किया था। देर रात प्रशासन ने धर्मस्थल कुछ शर्तों के साथ खुलने का आदेश भी जारी किया था, मगर इसके बाद भी ज्यादातर धर्मगुरु असमंजस की स्थिति में रहे। कुछ जगह धर्मस्थलों के कपाट खोल दिए गए तो कहीं बंद रहे। हालांकि जहां, मंदिरों के कपाट खुले भी तो वहां श्रद्धालुओं को देवी देवताओं की मूर्ति को स्पर्श नहीं करने दिया गया। मस्जिदों में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पांच से 10 लोगों ने नमाज अदा की। 

लॉकडाउन के 79 दिन बाद सोमवार को सभी धर्मस्थलों के कपाट खोलने के सरकार ने आदेश जारी कर दिए। धर्मस्थलों पर एक दिन पहले ही तैयारियां पूर्ण कर ली गई थीं। रविवार देर शाम प्रशासन ने आदेश भी जारी कर दिया। इसके बाद भी शहर के गौरीशंकर मंदिर, सत्य नारायण मंदिर, ब्रह्म देव मंदिर के कपाट नहीं खोले गए। इन मंदिरों के मंहत ने बताया कि उन्हें लिखित आदेश नहीं मिला। केवल समाचार पत्रों में ही पढ़ा है, इसलिए मंदिरों के कपाट नहीं खोले। 

दूसरी ओर शहर के अर्द्धनारीश्वर मंदिर, दूधिया नाथ मंदिर, रंगीला चौराहा स्थित हनुमान मंदिर के कपाट खुले। श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करने भी गए। मगर, श्रद्धालुओं को देवी देवताओं की मूर्ति स्पर्श करने नहीं दी गई, न ही घंटा बजाने दिया गया। बड़ा गुरुद्वारा, एकता नगर गुरुद्वारा, बल्लभनगर कॉलोनी का गुरुद्वारा खोला गया। इनमें पांच -पांच करके ही श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे के अंदर प्रवेश दिया गया। मस्जिदों में भी पांच से दस लोगों ने ही एक बार में अंदर जाकर नमाज अदा की। हालांकि सभी नमाजी अपने घरों से वजू करके ही नमाज के लिए मस्जिद पहुंचे। कुछ नमाजियों का कहना था कि सरकार को धर्मस्थलों से प्रतिबंध पूरी तरह हटा लेना चाहिए। शहर के तीनों चर्च की भी साफ सफाई की गई थी। लेकिन अब चर्च में प्रार्थना रविवार को ही होगी।

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