प्रेम कामवासना से दूर अंतर्मन का अनिर्वचनीय भाव है---आचार्य देवव्रत

प्रेम कामवासना से दूर अंतर्मन का अनिर्वचनीय भाव है---आचार्य देवव्रत

प्रतापगढ 


30.03.2021


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी 


प्रेम कामवासना से दूर अंतर्मन का अनिर्वचनीय भाव है-- आचार्य देवव्रत



 अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बालशुक कथाव्यास आचार्य देवव्रत जी महाराज के मुखारविंद से ब्लॉक सांगीपुर के ग्राम ननौती ( *पूरे* *भोला)* में राजकुमार तिवारी ( *राज* *तिवारी* ) के संयोजन में गत 24 मार्च से चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के कार्यक्रम में पांचवें एवं छठें दिन  भारी संख्या में उपस्थित श्रोतागण, प्रेम शब्द की व्याख्या सुनकर भावविभोर हो संगीतकारों सुरेश, योगेश, राजकुमार एवं आकाश के हारमोनियम, पैड, तबला व कैसियो की झंकारों पर मस्ती में झूमते और तालियां बजाते नजर आए।तीर्थराज प्रयाग की धरती के प्रख्यात बालशुक कथा व्यास आचार्य देवव्रत जी महाराज ने प्रेम शब्द की व्याख्या प्रस्तुत करते हुए बताया की प्रेम, अंतर्मन का वह भाव है जो कामवासना से बहुत दूर है। उन्होंने गोपी और कृष्ण के बीच प्रेम को अलौकिक बताते हुए कहा कि संसार में प्रेम से बढ़कर कोई चीज नहीं है।  मथुरा में आनंदकंद भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य हुआ, लेकिन उन्होंने सारी लीला वृंदावन में किया। भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला का वर्णन करते हुए आचार्य जी ने बच्चों के प्रति मां की ममता को  दर्शाकर महिला श्रोताओं का दिल जीत लिया। कथा व्यास जी ने रुक्मिणी कृष्ण विवाह एवं गोपी उद्धव संवाद को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया।कथा व्यास जी ने होली के के महत्व को समझाते हुए बताया कि यह हिंदुओं के लिए प्रेम, उमंग और उत्साह का पर्व है । इस दिन सभी को आरसी बैर दुराव समाप्त करते हुए एक दूसरे से सद्भाव बना कर अबीर गुलाल और रंग डालकर खुशी मनाना चाहिए। इसअवसर पर उपस्थित महिलाएं बच्चे व श्रोताओं ने जमकर होली के गीतों का आनंद लिया और एक दूसरे को अबीर व गुलाल लगाते हुए होली के रंग में डूबे नजर आए।मुख्य यजमान श्रीमती कलावती तिवारी ने बड़ी तन्मयता से श्रद्धापूर्वक कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त किया।कथा का आनंद लेने वालों  में विश्व बंधुत्व मिशन प्रयाग से पधारे धीरेंद्र जी एवं ग्राम खपराही के गणेश प्रसाद द्विवेदी सहित वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय सुमन, प्रधान शिवदत्त सिंह दरोगा, बम बहादुर सिंह,शारदा प्रसाद तिवारी, राजेंद्र द्विवेदी, रघुनाथ चतुर्वेदी, आदर्श उपाध्याय आदी सिंगर, लालबाबू, उमेश त्रिपाठी एडवोकेट, दयाशंकर बारी, शिव बरन पांडे, ललित कुमार उपाध्याय, हर प्रसाद शुक्ला, पिंटू पांडे, सोनू दुबे, राम आसरे तिवारी, के के सिंह, राम यज्ञ मिश्र, प्रेम नारायण शुक्ल प्रधान, राम मिलन मिश्रा, राम अभिलाख शुक्ल आदि सहित भारी संख्या में महिलाएं व बच्चे रहे।

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