अपने क्षेत्र की लड़खड़ाती शिक्षा की ज्योति को अम्बर की ऊंचाई दे रहे हैं अम्बिकेश

अपने क्षेत्र की लड़खड़ाती शिक्षा की ज्योति को अम्बर की ऊंचाई दे रहे हैं अम्बिकेश

प्रतापगढ 


31.12.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी 


अपने क्षेत्र की लड़खड़ाती शिक्षा की ज्योति को अम्बर की ऊंचाई दे रहे हैं  अम्बिकेश 


ग्राम पंचायत में विकास का मतलब सिर्फ सड़को और  भवनों का निर्माण ही नही होता है। समावेशी विकास तभी सम्भव है जब विकास की वास्तविक बुनियाद शिक्षा के क्षेत्र में सार्थक बदलाव किया जाएं, विचारों में बदलाव का समर्थन सभी करते है लेकिन उसे जमीन पर मूर्त रूप देकर साकार करने का काम पट्टी कस्बे से सटे धूती गांव के अम्बिकेश ने कर दिखाया जिन्होंने कोरोना संकट में सरकारी नियमो के अनुरूप शिक्षा की लौ को बिना डगमगाए सम्भाले रखा।

धूती ग्राम पंचायत पट्टी कस्बे से सटा हुआ गांव है। सन 2015 में विमला देवी चुनाव जीता तो उनके बेटे अम्बिकेश ने प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी संभाली साथ ही ग्राम पंचायत में शिक्षा समिति के अध्यक्ष का पदभार मिला तो जुलाई माह में बेसिक शिक्षा अधिकारी और खण्ड शिक्षा अधिकारी से मिलकर गांव के प्राथमिक विद्यालय को मॉडल अंग्रेजी प्राइमरी स्कूल बनाने की सिफारिश की  शाशन से मंजूरी मिलने के बाद शिक्षा समिति को मजबूत करते हुए शिक्षकों सुर अभिभावकों के साथ नियमित बैठक शुरू किया।

कोरोना काल मे लड़खड़ाई शिक्षा व्यवस्था तो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिखाई सक्रियता। कोरोना संकट काल में जब स्कूल कॉलेज पूरी तरीके से बंद हो गए और बाद में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने लगा तो अंबिकेश ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शिक्षकों और अभिभावकों को जोड़कर  बच्चों की पढ़ाई लिखाई और उन पर निगरानी शुरू किया। डिजिटल संसाधनों का उपयोग सफलतापूर्वक आगाज किया तो बच्चों लड़खड़ाती शिक्षा में जान आ गई और उनकी यह मुहिम धीरे धीरे रंग लाते हुए दिखाई दे आज ऑनलाइन शिक्षा तथा व्हाट्सएप ग्रुप में बच्चों को होमवर्क देकर उनकी निगरानी की जा रही है तो यह सब अंबिकेश की सक्रियता और गंभीरता के कारण संभव हो सका है। आज गांव के कई बच्चे व्हाट्स एप्प ग्रुप से जुड़कर होमवर्क कर रहे हैं और सीख ले रहे हैं।

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