संस्कारों में महिला शक्ति का है अभूतपूर्व योगदान

संस्कारों में महिला शक्ति का है अभूतपूर्व योगदान

प्रतापगढ 


25.07.2021


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



संस्कारों में महिला शक्ति का है अभूतपूर्व योगदान




देहदानदाता, महान शिक्षाविद पंडित भवानी शंकर उपाध्याय के निर्देशन में विगत 10 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे मानस मंथन के कार्यक्रमों में सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक व साहित्यिक चर्चाएं होती चली आ रही हैं।जनपद के ब्लॉक सांगीपुर स्थित ग्राम मंगापुर में उप प्रधानाचार्य महावीर सिंह के आयोजकत्व में संपन्न   मानस मंथन के कार्यक्रम में सनातन धर्म के 16 संस्कारों पर विस्तृत चर्चा हुई।मानस मंथन में जुटे विद्वानों ने कहा कि संस्कारों में महिला शक्ति का अभूतपूर्व योगदान है। गर्भाधान व जन्म से लेकर यगोपवीत सहित विवाह संस्कार की सफलता बिना महिलाओं के सहयोग के कदापि संभव नहीं है। बच्चों को संस्कार देने में माताओं की अहम् भूमिका होती है। गृहस्थरूपी पाठशाला में माताएं ही बच्चों की प्रथम शिक्षक होती हैं।इस अवसर पर शंकरलाल मोदनवाल ने खंझड़ी बजाकर महिला शक्ति पर एक गीत प्रस्तुत किया। उपस्थित सदस्यों से अर्जुन सिंह ने अनुरोध किया कि वे आगामी कार्यक्रम में मानस मंथन की 10 वर्षों की उपलब्धियों के संबंध में अपने लिखित विचार प्रस्तुत करें ताकि एक स्मारिका का प्रकाशन किया जा सके।सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही महिलाओं और बच्चों के बीच मानस मंथन के कार्यक्रम आयोजित करके संस्कार पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।इसके पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार वरिष्ठ सदस्य पूर्व प्रधानाचार्य कृष्ण नारायण लाल श्रीवास्तव द्वारा कन्नेर के वृक्ष का रोपण किया गया।मानस मंथन के कार्यक्रम में पंडित भवानी शंकर उपाध्याय के अलावा शिक्षक मनो विश्राम मिश्र, वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय सुमन, यज्ञ नारायण सिंह, जंत्री प्रसाद पांडेय, अर्जुन सिंह, कृष्ण नारायण लाल श्रीवास्तव, शंकरलाल मोदनवाल, डॉक्टर हृदय पाल सिंह, जनार्दन प्रसाद उपाध्याय, महावीर सिंह, लाल प्रताप सिंह, परिक्रमा शर्मा, गजराज सिंह व विनोद सिंह आदि उपस्थित रहे।

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