प्राधिकरण ने 40 करोड़ की जमीन को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया

प्राधिकरण ने 40 करोड़ की जमीन को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया

crime news, apradh samachar

Prakash Prabhaw News

नोएडा

Report, Vikram Pandey

प्राधिकरण ने अभियान चलाकर 40 करोड़ की जमीन को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया, किसानों ने  पुरानी आबादी तोड़ने का आरोप लगाया


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और नोएडा सेंट्रल जोन-2 की पुलिस ने संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए अवैध कब्जादारों के कब्जे से 25 हज़ार वर्ग मीटर जमीन मुक्त करा लिया. वही किसानों ने प्राधिकरण पर पुरानी आबादी तोड़ने का आरोप लगाया है किसानों का कहना है  कि कृषि भूमि के साथ उनकी आबादी की भूमि का भी प्राधिकरण ने अधिग्रहण कर लिया है. मौके पर मकान बने हैं। मकान बने होने के कारण जमीन का मुआवजा नहीं उठाया गया है।प्राधिकरण से अन्य किसानों की भांति लीजबैक कराने का अनुरोध किया गया था। मामला निस्तारित करने के बजाय प्राधिकरण ने बिना नोटिस दिए मकानों को जबरन ध्वस्त कर दिया। 

 पुलिस की देखरेख में चल रहे प्राधिकरण के यह बुलडोजर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत यह तोड़फोड़ कर रहे हैं,  इस अभियान में नोएडा सेंट्रल जोन-2 पुलिस और प्राधिकरण थी अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. अभियान का नेतृत्व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के डीसीएम परियोजना आर के वर्मा ने किया, वही नोएडा पुलिस की ओर से एडिशनल डीसीपी अंकुर अग्रवाल इस अभियान में शामिल थे. इस अभियान में थाना इकोटेक-3, थाना सूरजपुर और थाना बिसरख की पुलिसकर्मी भारी संख्या में मौजूद थे. नोएडा सेंट्रल जोन-2 एडीसीपी अंकुर अग्रवाल का कहना था कि इस संयुक्त अभियान के दौरान ग्रेटर नोएडा थाना ईकोटेक 3 क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तुस्याना में खसरा संख्या 635, 637, 639, 640,103 में अतिक्रमणकर्ताओं के कब्जे से लगभग 40 करोड़ रुपए मूल्य की ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 25,000 वर्ग मीटर जमीन अवैध कब्जेदारों से अतिक्रमण मुक्त कराई गई। प्राधिकरण कहना है कि जमीन अधिगृहीत की जा चुकी है और उस पर किसानों को छह फीसद भूखंड आवंटित किए जाने हैं।

किसान ने प्राधिकरण पर पुरानी आबादी तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि कृषि भूमि के साथ उसकी आबादी की भूमि का भी अधिग्रहण कर लिया गया था। मौके पर मकान बने हैं। मकान बने होने के कारण जमीन का मुआवजा नहीं उठाया गया है। प्राधिकरण से अन्य किसानों की भांति लीजबैक कराने का अनुरोध किया गया था। मामला निस्तारित करने के बजाय प्राधिकरण ने बिना नोटिस दिए मकानों को जबरन ध्वस्त कर दिया। मकानों के अंदर रखा घर का सामान भी दब गया। किसान पैमू ने कहा कि उनकी बेटी का लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। बच्चों के बंटवारे में बेटी को भी जमीन दी थी। उसकी शादी हो गई। प्राधिकरण अब उसे बाहरी बताकर लीजबैक नहीं कर रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाते हुए प्राधिकरण से इसकी भरपाई कराने का अनुरोध किया है। कहा कि वह मुख्यमंत्री के दरबार में भी न्याय की गुहार लगाएगा। वहीं डीजीएम ने चेतावनी दी है कि यदि दोबारा से जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की गई तो कार्रवाई की जाएगी.

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *