डीएम की फटकार के बाद बंद हुए एक दर्जन टप्पेबाजों के शटर

पी पी एन न्यूज
कमलेन्द्र सिंह
फ़तेहपुर
डीएम की फटकार के बाद बंद हुए एक दर्जन टप्पेबाजो के शटर
स्वास्थ्य विभाग की गंदगी साफ करने के लिए पत्रकारों की सक्रियता व एकजुटता के बाद जिला प्रशासन ने भी कार्रवाई के लिए कमर कस ली है। डीएम की सख्ती के बाद झोलाछाप संचालक शटर बंद करने के लिए मजबूर हो गए हैं। वीआईपी रोड सहित शहर क्षेत्र में लगभग एक दर्जन मौत की दुकानों में ताले पड़ गए हैं। हालांकि यह ज्ञान भी टप्पेबाजो/झोलाछापो को घाघ स्वास्थ्य कर्मियों ने ही दिया है कि डीएम मानेगी नहीं अंततः जेल जाना पड़ेगा। इसलिए कुछ महीनों के लिए बंद करके चंपत हो जाओ।
उधर प्रमुख पत्रकारों व अखबारों को बैठक कर खरीदने का दिवा स्वप्न देखने वाले टुटपुंजिओ के सामने अब कोई रास्ता नहीं बचा है वह भूमिगत होने पर मजबूर हो गए हैं। हालांकि झोलाछापो की आपदा को कुछ छुर्रहे अवसर के रूप में भुनाने में लगे हैं। वह तथाकथित पत्रकार बनकर ऐसी मौत की दुकानों में पहुंच रहे हैं और सीज कराने के नाम पर मोटी रकम की मांग कर रहे हैं। कई संचालक मीडिया के नाम पर नक्कालों के शिकार भी हो रहे हैं।
ऐसे में मौत के उन सौदागरों को ये भी ख्याल में रखना चाहिए कि या तो बंद करके भाग जाएं या ब्यवस्था सुधार ले, अन्यथा वह चाहे जहां रुपया बांट दें मगर वह कार्रवाई की जद में आने से बचेगे नहीं। बताते तो यह भी हैं कि कुछ तथाकथित वसूली गैंग के सदस्य सरकारी सर्जनों व संचालको को फोन कर अपना नम्बर व बैनर का नाम नोट करवा रहे हैं ताकि मीडिया से बचने के नाम पर चंदा बंटे तो वह न रह जाएं।
इन छुर्रहो के सक्रिय होने से मीडिया की साख में भी बट्टा लगा है। ऐसे में जिला प्रशासन से भी अनुरोध है कि अगर वसूली करने के साक्ष्य सहित किसी का भी मामला सामने आए तो कार्रवाई से चूके नहीं। क्योंकि ऐसे लोग जो अपराध संचालन में मौन साथ दे रहे हैं वह कलमकार हो ही नहीं सकते।
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