नाग पंचमी के पावन पर्व पर गांवों में आज भी कायम है सावन, कजरी गायन जैसी पुरानी परंपरा
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 14 August, 2021 17:05
- 551

प्रतापगढ
14.08.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
नागपंचमी के पावन पर्व पर गांवों में आज भी कायम है सावन कजरी गायन जैसी पुरानी परंपरा
भारतीय संस्कृति की धरोहर गांवों में आज भी पुरानी परंपराएं देखने और सुनने को बराबर मिल रही हैं।
नागपंचमी (गुड़िया) के पावन पर्व पर जनपद के विकास खंड सांगीपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रेहुआ लालगंज (पूरे नेवली) में सद्भावना केंद्र पर जहां बड़ी संख्या में एकत्रित होकर पुष्पा सिंह, माधुरी सिंह, अंकिता सिंह आदि महिलाएं सावन कजरी गीत गाती नजर आईं, वहीं बच्चों ने गुड़िया पीटने के बाद कबड्डी व लंबी कूद के कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भागीदारी किया।
कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम प्रधान जय सिंह गहलौत एकवं वरिष्ठ साहित्यकार अर्जुन सिंह ने पूर्व प्रधान अमरनाथ पाल, गोकर्ण सिंह, कुंदन सिंह, लल्ला सिंह, अरविंद सत्यार्थी, हनुमत सिंह, अशोक विमल, शेर बहादुर सिंह व भारत सिंह आदि ग्रामीणों की उपस्थिति में खेलकूद में अच्छे प्रदर्शन के लिए बजरंग सिंह प्रदुम्न सिंह, अभय सिंह, अनुराग सिंह, संतोष सिंह व अंजनी सिंह आदि बच्चों को प्रथम व द्वितीय पुरस्कार देकर उत्साह बढ़ाया। पुरस्कार पाकर बच्चे प्रसन्न व गदगद मुद्रा में निहाल दिखाई पड़े।
वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय सुमन ने गुड़िया के त्यौहार पर पुरानी परंपराई कायम रखने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए रेहुआ लालगंज (पूरे नेवली) के ग्रामीणों को बधाई दी है।
Comments