प्रतापगढ़ के शस्त्र विक्रेताओं को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

प्रतापगढ़ के शस्त्र विक्रेताओं को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

प्रतापगढ़



03.09.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



प्रतापगढ़ के शस्त्र विक्रेताओं को हाई कोर्ट से बड़ी राहत 



 आज दिनांक 03.09.2021 को प्रतापगढ़ जनपद के शस्त्र विक्रेताओं को उनकी दुकानों के 20 साल से लंबित नवीनीकरण स्टाम्प शुल्क जमा करने के मामले में माननीय उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने बड़ी राहत दे दी हैं l यह फैसला हाई कोर्ट लखनऊ में जिलाधिकारी प्रतापगढ़ और अपर जिला अधिकारी(शस्त्र) के खिलाफ़ दाखिल अवमानना याचिका में दिया गया l यह याचिका प्रतापगढ़ गन हाउस एसोसिएशन की तरफ से विद्वान अधिवक्ता रवि शंकर सिंह के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ के समक्ष दाखिल की गयी थी l इस याचिका में एडीएम(शस्त्र) के उस आदेश को चुनौती दी गयी थी जिसमें उन्होंने प्रतापगढ़ के सभी शस्त्र विक्रेताओं को जिन्होंने वर्ष 1999 से बढ़े हुए नवीकरणीय स्टाम्प शुल्क के आधार पर अपना शुल्क नहीं जमा किया है, उन्हें एक सप्ताह के अंदर बकाया शुल्क जमा करने का आदेश जारी किया गया था और ऐसा न करने पर उनके लाइसेंस को रद्द करने की कार्यवाही हो सकती है l

                 प्रतापगढ़ गन हाउस एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम लाल विश्वकर्मा ने बताया कि वर्ष 1999 में माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ ने प्रतापगढ़ के शस्त्र विक्रेताओं की ओर से बढ़े हुए शास्त्रालय नवीनीकरण स्टाम्प शुल्क के खिलाफ़ दाखिल की गयी याचिका संख्या- 82/1999(एम /एस) मोहम्मद आरिफ एवं अन्य बनाम भारत संघ व अन्य में शस्त्र विक्रेताओं से बढ़े हुए स्टाम्प शुल्क न लिए जाने और पुराने स्टाम्प शुल्क के आधार पर उनकी दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण किये जाने का अग्रिम आदेश पारित किया था और राज्य सरकार से इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा था l इस फैसले के बाद कई बार गन हाउस लाइसेंस का नवीनीकरण पुराने शुल्क के आधार पर किया गया l हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश जिसमें निचली अदालत के किसी भी अग्रिम आदेश को 6 माह के बाद समाप्त माने जाने की बात कही गयी है को आधार बनाते हुए अपर जिलाधिकारी (शस्त्र) ने सभी गन हाउस व्यवसाईयों को एक सप्ताह के अंदर 1999 से लेकर अभी तक का बकाया स्टाम्प शुल्क जमा करने का नोटिस दिया और ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कार्यवाही की बात कही l

                      उन्होंने बताया कि एडीएम के नोटिस को कोर्ट की अवमानना मानते हुए विद्वान अधिवक्ता रवि शंकर सिंह ने उच्च न्यायालय लखनऊ के समक्ष अवमानना याचिका संख्या 1563/2021 मोहम्मद आरिफ एवं अन्य बनाम राज्य सरकार प्रस्तुत की,जिसमें माननीय न्यायमूर्ति महोदया संगीता चंद्रा ने एडीएम के फैसले पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी और उनके इस आदेश को कोर्ट के फैसले की अवमानना मानते हुए राज्य सरकार से जबाब तलब किया हैं l इस मामले की अगली सुनवाई 24 सितम्बर 2021 को होगी।

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