निजी चिकित्सालय की लापरवाही हुई उजागर, गई प्रसूता की जान
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 7 August, 2021 18:06
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प्रतापगढ
07.08.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
निजी चिकित्सालय की लापरवाही हुई उजागर, गई प्रसूता की जान
प्रतापगढ़ जनपद के संग्रामगढ क्षेत्र की नीलम पत्नी राम सिंह को कुण्डा नगर के एक निजी चिकित्सालय में प्रसव हेतु ले जाया गया था वहां पर इनके इलाज में लापरवाही और नई नई नर्सो को लगा दिया गया। नर्स नई होने की वजह से पीड़िता का पेट ज्यादा तेज दबा दिया गया। जिसके कारण पीड़िता की बच्चेदानी की नस फट गई और ब्लीडिंग इतना हुई की वह अपनी जान गवां बैठी। जब खून ज्यादा मात्रा में गिरने लगा तो डॉ साहब 50,000 रुपये की मांग करने लगे या फिर यहां से तुरंत निकाल ले जाने की बात करने लगे। नीलम के छोटे छोटे बच्चों का रो कर बुरा हाल है।
इस निजी चिकित्सालय का यह पहला केस नहीं है। जब तब यहां ऐसा होता रहता है। महीने मे दो चार केस ऐसे होते हैं जहा ऐसे गरीब को परेशान किया जाता है। केस को बड़ा बनाया जाता है फिर उनसे लाख या 50 हजार की मांग की जाती है। उत्तर प्रदेश मे अब ये आम बात हो गई एक तो नार्मल डिलवरी कराते नहीं है अगर आप ने जरा भी ऑप्रेशन मे आना कानी की तो समझो आपके पेसेंट की जान गई जैसे की नीलम के साथ मे हुआ आपके जानकारी के लिए बता दें कि इंजेक्शन दो प्रकार के होते है जो डिलवरी के वक़्त ये लोग यूज़ करते है 1.इंजेक्शन ये होता है जिससे दर्द बढ़ता है और बच्चे आसानी से बाहर आ जाते है 2. इंजेक्शन ये होता है की उसको लगाने से दर्द ख़तम हो जाता है और बच्चे होने मे कठिनाई होने लगती है ये हॉस्पिटल वाले आज कल नम्बर दो वाला इंजेक्शन लगा देते है ताकि मामला को बढ़ाया जाए और गरीबो से ऑप्रेशन के नाम पर पैसा वसूला जाए ये इंसानियत है। डॉ. को दुनिया का भगवान कहा गया है ये लोग ऐसा काम कर रहे है जिससे सिर्फ इनको पैसो की मोह माया है इंसान के जान की कीमत नहीं होती नीलम की मौत हो चुकी है छोटे छोटे बच्चे अनाथ हो गए है अब उन बच्चो का कोई सहारा नहीं है डॉक्टर की लापरवाही की वजह से लगभग एक परिवार के 5 सदस्यों की ज़िन्दगी अन्धकार मे डाल दिया गया है। क्षेत्रीय लोगों ने प्रशासन से मांग किया है कि इसपर कठोर से कठोर कार्यवाई की जाए और चिकित्सालय का लाइसेंस रद्द किया जाए।
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