संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में किसान पंचायत संपन्न
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 25 October, 2021 17:52
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प्रतापगढ़
25.10. 2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में किसान पंचायत सम्पन्न
प्रतापगढ़ जनपद मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर कुंडा तहसील विकासखंड बिहार के ग्राम बरबसपुर में कल दिनांक 24 अक्टूबर 2021 दिन रविवार को दिन में 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर के तले अखिल भारतीय किसान सभा जिला कमेटी प्रतापगढ़ द्वारा एक किसान पंचायत का आयोजन किया गया किसान पंचायत की अध्यक्षता उसी ग्राम के निवासी वयोवृद्ध अधिवक्ता सुरेंद्र प्रताप सिंह ने किया एवं संचालन राजमणि पांडे ने किया। इस अवसर पर मजदूर नेता हेमंत नंदन ओझा किसान सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं भाकपा के जिला मंत्री रामबरन सिंह अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महामंत्री निर्भय प्रताप सिंह उपाध्यक्ष आरडी यादव रामकिशोर यादव राघवेंद्र कुमार मिश्र देवेंद्र कुमार शुक्ला एडवोकेट संतलाल विनोद सुमन आदि ने किसान पंचायत में अपने विचार रखे इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं एवं स्थानीय ग्राम वासी उपस्थित थे सभा में सबसे पहले नागरिकों एवं अतिथियों का स्वागत ग्राम प्रधान राम कैलाश यादव ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन ज्ञान चंद यादव फौजी ने किया। किसान पंचायत में वक्ताओं ने किसान विरोधी तीन काले कानूनों के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि तीनों ही कानून किसान विरोधी है सरकार यदि किसानों का वास्तव में भला करना चाहती है तो सरकार को डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना चाहिए जिसके बारे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी ने देशभर में घूम घम कर किसानों से और देश की जनता से वादा किया था और भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में भी इसका उल्लेख किया गया था साथ ही सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देना चाहिए इसी प्रकार किसान विरोधी और जनविरोधी इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल को पूर्ण रूप से रद्द किया जाना चाहिए। इस अवसर पर वक्ताओं ने श्रमिकों के हितेषी श्रम कानूनों को रद्द कर चार कोड में बनाए जाने कि केंद्र सरकार के निर्णय का भी आलोचना किया और इसे रद्द करते हुए पूर्व के श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किए जाने की बात कही। वक्ताओं ने कहा कि पेट काटकर जमीन गिरवी रख कर जमीन पर लोन लेकर किसान अपने बच्चों को इंजीनियर और डॉक्टर बना रहे हैं और दूसरी तकनीकी शिक्षा दे रहे हैं लेकिन लाखों की संख्या में सभी बेरोजगार हैं मोदी जी ने घोषणा की थी की ढाई करोड़ लोगों को हर वर्ष नौकरी मिलेगी नौकरी देने को कौन कहे नौकरियां समाप्त की जा रही है सार्वजनिक उद्योगों को बेचा जा रहा है देश की आजादी के बाद से अब तक बनाई गई और इकट्ठा की गई दौलत और संस्थान सब की लूट षडयंत्र पूर्वक कराई जा रही है भाजपा की सरकार किसान विरोधी मजदूर विरोधी और जनविरोधी है।
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