नई पेंशन योजना में एक भी अच्छी बात नहीं जिसका कर्मचारी स्वागत करें

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प्रतापगढ
26.10.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
नयी पेंशन योजना में एक भी ऐसी अच्छी बात नहीं जिसका कर्मचारी स्वागत करें
यह कर्मचारियों पर थोपा गया एक ऐसा अन्याय पूर्ण आर्थिक बोझ है जिससे वह अपने 60 साल के जीवन तक खुद की सैलरी से कटौती करके एकत्र करता है यदि 60 साल के बीच में उसे किसी कारण से रिटायरमेंट लेना पड़े तो उसे कुछ भी नहीं मिलता।
पुरानी पेंशन में नियोक्ता के ऊपर मात्र 19.08% कब हो बोझ आता है।Nps मैं 14% नियोक्ता और 10% कर्मचारी काकड के लगभग 24% पैसा इन्वेस्ट हो रहा है। लेकिन मजे की बात यह है जिस सरकार ने भी नई पेंशन स्कीम बनाई उसने यह पैसा शेयर मार्केट में लगा दिया यानी कि व्यापारियों के लिए यह 24% तय कर दिया गया* और यह 24% शेयर मार्केट में उन व्यापारियों के हाथों में सौंप दिया गया जो आए दिन दिवालिया होते रहते हैं या खुद की कंपनियों को जानबूझकर दिवालिया घोषित करके विदेश भाग जाते हैं।
जब आप 60 साल के बाद रिटायर होते हैं तो आपके हाथों में होता है अनियमितता का एक ऐसा जाल जहां आपको नहीं पता कि आपके पिछले 40 साल का पैसा किस शेयर मार्केट में और किस कंपनी में इन्वेस्ट हुआ था। हो सकता है अचानक ही सुनने को मिले कि वह कंपनी तो डूब गई ।
रहता है रिटायरमेंट पर मिलने वाला पैसा आपको किसी बीमा कंपनी में इन्वेस्ट करना होगा जो तय रकम का ब्याज आपको देगी और वही आपकी पेशन होगी। आज जब सरकारें सभी संगठनों से उनके मांग पत्र मांग रहे हैं तो पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा सब की प्राथमिकता में होना चाहिए जो कि नहीं है क्या संगठन कर्मचारी और शिक्षकों के हित में नहीं सोचते?यदि कर्मचारियों और शिक्षकों के हित में सोचते हैं तो पुरानी पेंशन बहाली प्रमुखता से सभी के द्वारा उठाया जाना चाहिए। बुढ़ापे की लाठी और सहारा दोनों ही पुरानी पेंशन के द्वारा ही संभव है।इसलिए सरकार इस पर विचार करे।
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