एक पक्के मार्ग की बात जो हो रहे हैं ग्रामीण

प्रतापगढ़
16.08.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
एक पक्के मार्ग की बाट जोह रहे हैं ग्रामीण
कई वर्षों से दलित एवं पिछड़ी बस्ती में बनी कच्ची सड़क को पक्की करवाने के संबंध में लोक निर्माण विभाग से मुख्यमंत्री तक कई बार ग्रामीणों ने किया शिकायत, लेकिन वहां के लोग आज भी कच्चे मार्ग पर आने जाने को है मजबूर!कुछ दिन पहले प्रसव पीड़िता महिला को ले जाने एम्बुलेंस आया लेकिन रास्ता खराब होने की स्थित में सड़क पर ही खड़ा रह गया गांव तक नही पहुँच पाया।ग्राम सभा खालिसपुर पोस्ट छितपालगढ विकासखंड मांधाता जनपद प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में अधिकांश आबादी दलित एवं पिछड़े वर्ग के लोगों की है और उनका मजदूरी तथा खेती करने के अलावा और कोई व्यवसाय नहीं है। एक ही कच्चा मार्ग है जो गांव को सड़क से जोड़ता है परंतु बरसात में मार्ग की हालत इतनी खराब हो जाती है कि सभी ग्राम वासियों को उसी मार्ग पर साइकिल से चलना भी दूभर हो जाता है।नहर का किनारा होने के कारण बरसात में पानी भरा रह जाता है रास्ते के अभाव में गांव वालों को अपनी दैनिक दिन चर्या तथा शादी विवाह अथवा चिकित्सा सुविधा के लिए रास्ते के अभाव में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अगर सड़क से शारदा सहायक नहर की पटरी से गांव तक पक्की सड़क लंबाई लगभग 1.5 k/m डामरीकरण हो जाए तो ग्राम वासियों का आना जाना सरल हो जाएगा। गांव के लोगो ने मान्धाता ब्लॉक,विधायक व सांसद सभी से कई बार शिकायत कर चुके है उसके बावजूद आज तक किसी ने ध्यान नही दिया। यह 21 वी सदी का भारत है जहां सरकार अपनी उपलब्धिया गिना रही वहीं ग्रामीण बरसात होने पर कीचड़ में आने जाने को है मजबूर!
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