गौशाला में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

प्रतापगढ
29.08.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
गौशाला में अव्यवस्थाओं का बोलबाला
जहां एक ओर प्रदेश सरकार गौशाला के नाम पर हर वर्ष भारी भरकम बजट पास करती है वहीं गौशाला के कुछ ठेकेदार सरकार के इस बजट को लगा रहे हैं पलीता।बता दें कि प्रतापगढ जनपद के तहसील कुंडा के जमेठी ग्राम सभा में बने गौशाला के नाम पर चलाये जा रहे मवेशियों के जेलखाने में स्थित नंद गोपाल गौशाला में करीब 25 से 30 गाये हैं गौशाला के आधे से ज्यादा हिस्से में घुटने तक कीचड़ भरा हुआ है और एक तिहाई हिस्से में गाये रहती हैं और टहलती हैं इसी क्रम में गायों को न ठीक से खाना मिलता है और न ही पानी बता दे की आज भी एक गाय तड़पते हुए अपनी मौत का इंतजार कर रही है मरते हुए भी उसकी आंखों को कौवो ने नोच खाया है इस असहनीय पीड़ा को सहते हुए वह अपनी अंतिम सांसे ले रही है इस मार्मिक दृश्य को देखने के बाद भी गौशाला के ठेकेदारों को नहीं रहती है गायों की चिंता आलम तो यह है कि घंटों इंतजार करने के बाद भी गौशाला में न हमें कोई कर्मचारी मिला न ही कोई देखरेख करने वाला। गेट पर ही ताला मारा हुआ है यदि इस बीच किसी गाय के साथ कोई आपातकालीन स्थिति हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा और बात की जाए खाने पीने की व्यवस्था की तो पीने के लिए जो पानी रखा गया है वह भी दूषित और गंदा पानी है गायों को खाने के लिए सिर्फ सूखे चारे मिलते हैं योगी सरकार गौशाला के भ्रष्टाचार पर तो रोक नहीं लगा पाई लेकिन किसानों को कटीले तारों पर रोक लगाने के लिए बात जोर शोर से कर रही है प्रशासन को चाहिए कि पहले गौशालाओं का निरीक्षण कर उनमे रखी जा रही गायों के स्वास्थ्य के बारे में हालचाल ले और उनके खाने-पीने की उचित व्यवस्था करें तब जाकर कहीं सुधरेगी गौशालाओं की दुर्व्यवस्था और उन में होने वाला भ्रष्टाचार।
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