सामाजिक सरोकार से सराबोर, न्याय प्रिय दिवाकर दिग्गज की थम गई सासें

सामाजिक सरोकार से सराबोर, न्याय प्रिय दिवाकर दिग्गज की थम गई सासें

प्रतापगढ 



08.09.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



सामाजिक सरोकार से सराबोर, न्यायप्रिय दिवाकर दिग्गज की थम गईं सांसें



 अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, बाल कल्याण समिति के पूर्व न्यायाधीश सदस्य, नेहरू युवा केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ चंद्रशेखर प्राण की संस्था तीसरी सरकार एवं नेहरू युवा केंद्र से अप्रतिम संबंध बनाए रखने वाले, हिंदी साहित्य के अनन्य अनुरागी, महान समाजसेवी(मुकूनपुर सूर्यगढ़ निवासी) लगभग 70 वर्षीय दिवाकर दिग्गज की कल 7 सितंबर 2021 को शाम अचानक हृदयगति रुक जाने से सांसें थम गईं।

निधन का समाचार पाने पर प्रतापगढ़ जनपद के कोने-कोने में शोक की लहर फैल गई। शोक संवेदना प्रकट करने वालों की ओर से भगवान से प्रार्थना की जाने लगी कि ईश्वर उनकी गत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा शोक संतप्त परिवार को इस अपार कष्ट को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

उल्लेखनीय है कि दिवाकर दिग्गज, एक  न्यायप्रिय सामाजिक सरोकार रखने वाले विशेष व्यक्ति थे। बल्कि यूं कह लीजिए कि उनका संपूर्ण जीवन समाज के लिए समर्पित था। विविध संगठनों में अपनी महती भूमिका निभाने के साथ ही अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद नामक राजनीतिक संगठन में राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पद पर रह करके ब्राह्मणों को एकता सूत्र में बांधने एवं संस्कारित बनाने में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने तमाम छोटी-छोटी बैठकें करके ब्राह्मणों को उनके कर्तव्य का बोध कराते हुए समाज के कल्याण के लिए  सदैव प्रेरणा देने का काम किया है। इसके लिए संगठन द्वारा उनको अनेक बार सम्मानित भी किया गया है।वह राजनीति क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के पूर्णरूपेण समर्थक रहे हैं। जिला स्तरीय कांग्रेस कमेटी में भी पदाधिकारी के रूप में उन्होंने अपना सराहनीय योगदान दिया है। चुनाव के समय विशेष जिम्मेदारी का भी वहन करते रहे हैं।श्रद्धेय दिवाकर दिग्गज ने सन् 2010 से सन् 2016 तक प्रतापगढ़ मुख्यालय पर स्थापित  बाल कल्याण समिति कार्यालय में  न्यायाधीश सदस्य के पद पर रहते हुए  अन्याय करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाकर तहलका मचा दिया था। शिकायत मिलने पर चाहे वह अधिकारी हो अथवा जनपद का बड़ा से बड़ा खूंखार व्यक्ति हो, उसके खिलाफ सम्मन, नोटिस जारी करने में कभी उन्होंने संकोच नहीं किया।अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष परशुराम उपाध्याय सुमन ने श्रद्धेय दिवाकर दिग्गज को एक सार्वभौमिक प्रतिभा का महामानव बताते हुए कहा किआज वे हमारे बीच नहीं है, किंतु उनके सत्कर्म और समाज के प्रति समर्पण भाव, समाज को सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।संवेदना प्रकट करने वालों में अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष परशुराम उपाध्याय सुमन, प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर मत्स्येन्द्र प्रभाकर, प्रदेश संयोजक डॉक्टर शक्ति कुमार पांडेय, संरक्षक शिव प्रकाश मिश्र सेनानी,राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीकांत पांडेय, प्रवक्ता सुरेश संभव, राष्ट्रीय महासचिव योगेश शुक्ला किसान सहित जिला अध्यक्ष इंजीनियर ओमप्रकाश पांडेय गुड्डू, हौंसिला प्रसाद ओझा, धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडेय, सुनील प्रभाकर, राजेश कुमार पांडेय, उमापति मिश्र, चिंतामणि पांडेय, राजेश कुमार मिश्र, विधिदेव शुक्ला, अयोध्या प्रसाद तिवारी, रामनिरंजन शुक्ला, मनोकानिका उपाध्याय, पवन शुक्ला, शेषमणि मिश्रा, अवध नारायण शुक्ल वियोगी, इंजीनियर राजेश शुक्ला, धीरज उपाध्याय, प्रेम शंकर शुक्ला, अनूप अनुपम, दिनेश उपाध्याय, महादेव प्रसाद मिश्र बमबम, संजय शुक्ला, राज किशोर त्रिपाठी, त्रिभुवन नाथ मिश्र, महेंद्र शुक्ला आदि रहे।सामाजिक सरोकार से सराबोर, न्यायप्रिय दिवाकर दिग्गज की थम गईं सांसेंअखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, बाल कल्याण समिति के पूर्व न्यायाधीश सदस्य, नेहरू युवा केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ चंद्रशेखर प्राण की संस्था तीसरी सरकार एवं नेहरू युवा केंद्र से अप्रतिम संबंध बनाए रखने वाले, हिंदी साहित्य के अनन्य अनुरागी, महान समाजसेवी(मुकूनपुर सूर्यगढ़ निवासी) लगभग 65 वर्षीय दिवाकर दिग्गज की कल 7 सितंबर, 2021 को शाम अचानक हृदयगति रुक जाने से सांसें थम गईं।निधन का समाचार पाने पर प्रतापगढ़ जनपद के कोने-कोने में शोक की लहर फैल गई। शोक संवेदना प्रकट करने वालों की ओर से भगवान से प्रार्थना की जाने लगी कि ईश्वर उनकी गत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा शोक संतप्त परिवार को इस अपार कष्ट को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।उल्लेखनीय है कि दिवाकर दिग्गज, एक  न्यायप्रिय सामाजिक सरोकार रखने वाले विशेष व्यक्ति थे। बल्कि यूं कह लीजिए कि उनका संपूर्ण जीवन समाज के लिए समर्पित था। विविध संगठनों में अपनी महती भूमिका निभाने के साथ ही अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद नामक राजनीतिक संगठन में राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पद पर रह करके ब्राह्मणों को एकता सूत्र में बांधने एवं संस्कारित बनाने में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने तमाम छोटी-छोटी बैठकें करके ब्राह्मणों को उनके कर्तव्य का बोध कराते हुए समाज के कल्याण के लिए  सदैव प्रेरणा देने का काम किया है। इसके लिए संगठन द्वारा उनको अनेक बार सम्मानित भी किया गया है।वह राजनीति क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के पूर्णरूपेण समर्थक रहे हैं। जिला स्तरीय कांग्रेस कमेटी में भी पदाधिकारी के रूप में उन्होंने अपना सराहनीय योगदान दिया है। चुनाव के समय विशेष जिम्मेदारी का भी वहन करते रहे हैं।श्रद्धेय दिवाकर दिग्गज ने सन् 2010 से सन् 2016 तक प्रतापगढ़ मुख्यालय पर स्थापित  बाल कल्याण समिति कार्यालय में  न्यायाधीश सदस्य के पद पर रहते हुए  अन्याय करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाकर तहलका मचा दिया था। शिकायत मिलने पर चाहे वह अधिकारी हो अथवा जनपद का बड़ा से बड़ा खूंखार व्यक्ति हो, उसके खिलाफ सम्मन, नोटिस जारी करने में कभी उन्होंने संकोच नहीं किया।आज उनके पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने के लिए क्षेत्र से कोने कोने से लोगों का तांता लगा रहा। परिवारीजनों एवं उनके शुभेच्छुओं के माध्यम से आज अंतिम संस्कार विधि विधान से किया जाएगा।अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष परशुराम उपाध्याय सुमन ने श्रद्धेय दिवाकर दिग्गज को एक सार्वभौमिक प्रतिभा का महामानव बताते हुए कहा किआज वे हमारे बीच नहीं है, किंतु उनके सत्कर्म और समाज के प्रति समर्पण भाव, समाज को सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।संवेदना प्रकट करने वालों में अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष परशुराम उपाध्याय सुमन, प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर मत्स्येन्द्र प्रभाकर, प्रदेश संयोजक डॉक्टर शक्ति कुमार पांडेय, संरक्षक शिव प्रकाश मिश्र सेनानी,राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीकांत पांडेय, प्रवक्ता सुरेश संभव, राष्ट्रीय महासचिव योगेश शुक्ला किसान सहित जिला अध्यक्ष इंजीनियर ओमप्रकाश पांडेय गुड्डू, हौंसिला प्रसाद ओझा, धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडेय, सुनील प्रभाकर, राजेश कुमार पांडेय, उमापति मिश्र, चिंतामणि पांडेय, राजेश कुमार मिश्र, विधिदेव शुक्ला, अयोध्या प्रसाद तिवारी, सुखदेव तिवारी, प्रमोद प्रियदर्शी, डॉक्टर सौरभ पांडेय,रामनिरंजन शुक्ला, मनोकानिका उपाध्याय, पवन शुक्ला, शेषमणि मिश्रा, अवध नारायण शुक्ल वियोगी, इंजीनियर राजेश शुक्ला, धीरज उपाध्याय, प्रेम शंकर शुक्ला, अनूप अनुपम, दिनेश उपाध्याय, महादेव प्रसाद मिश्र बमबम, संजय शुक्ला, राज किशोर त्रिपाठी, त्रिभुवन नाथ मिश्र, महेंद्र शुक्ला आदि रहे।

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