छात्रा की आत्महत्या पर दूसरे छात्र के पत्र को ही चीफ जस्टिस ने जनहित याचिका माना

छात्रा की आत्महत्या पर दूसरे छात्र के पत्र को ही चीफ जस्टिस ने जनहित याचिका माना

Prakash Prabhaw

प्रयागराज

रिपोर्ट, ज़मन अब्बास

छात्रा की आत्महत्या पर दूसरे छात्र के पत्र को ही चीफ जस्टिस ने जनहित याचिका माना


प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के खुल्दाबाद स्थित नारी निकेतन में 17 साल की संवासिनी की मौत के मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने लॉ स्टूडेंट्स द्वारा एक्टिंग चीफ जस्टिस को भेजे गए पत्र को ही आधार बनाते हुए जनहित याचिका दायर की है।

इस जनहित याचिका (लेटर पेटिशन) पर राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता से 10 दिन में सही रिपोर्ट पेश कर जानकारी देने का निर्देश दिया है।

याचिका की अगली सुनवाई 3 सितंबर को होगी। यह आदेश एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी व जस्टिस राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने स्वदेश एवं प्रयाग लीगल एंड क्लीनिक व 4 अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। 7 अगस्त 2021 को रात करीब तीन बजे नारी निकेतन में रह रही नाबालिग लड़की फंदे से लटकती पायी गई थी।

इस घटना पर डॉ. रिजवी लॉ कालेज करारी कौशांबी के विधि छात्रों ने एक्टिंग चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था। पत्र में यह मांग की थी कि इस मामले की कोर्ट अपने स्तर पर देखे। पत्र लिखने वाले छात्रों में सैयद मोहम्मद अब्बास हुसैन, अंकित कुमार, अंवित कुमार शामिल हैं।

इस पत्र के आधार पर जनहित याचिका कायम कर एक्टिंग चीफ जस्टिस वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से इस घटना का विस्तृत ब्यौरा मांगा है।

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