खुद की उमड़ती सांसों से कैसे मरीजों को जीवनदान देगा पट्टी का आयुर्वेदिक चिकित्सालय

प्रतापगढ
16.06.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
खुद की उखड़ती साँसों से कैसे मरीजों को जीवनदान देगा पट्टी का आयुर्वेदिक चिकित्सालय
जहां स्वास्थ्य महकमा अगर खुद बीमार हो तो भला वह दूसरों का इलाज कैसे करेगा। आयुर्वेदिक चिकित्सालय बना तो है लेकिन इसके जर्जर भवन को देखकर मरीजों के होश उड़ जाते हैं। साथ ही साथ यहां की अव्यवस्था तीमारदारों को अंदर जाने के लिए गवाही नहीं देती है एक कमरे में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर राजकुमार बौद्ध ओपीडी करते हैं। तो दूसरे कमरे में फार्मासिस्ट समेत अन्य स्टाफ दवाओं का वितरण करता है और तीसरे कमरे को आप चाहे गोदाम समझ ले या 25 बेड का चिकित्सालय सभी से बदबू आती रहती है यहां के कर्मचारी और डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। कई बार शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। वहीं बड़ा सवाल यह है कि पट्टी नगर में आसपास के क्षेत्रों में स्थित यह सबसे बड़ा आयुर्वेदिक चिकित्सालय है। पट्टी नगर में स्थित होने के कारण जहां किसी इमरजेंसी जैसे हालात में लोग सेठ पन्नालाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टी जाते हैं।वही आयुर्वेद के इलाज के लिए सिर्फ यही है चिकित्सा केंद्र लोगों के लिए उम्मीद दिखाई देता है लेकिन यहां की स्थिति और हालात देख कर के सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जहां पर लोग जाना ही पसंद नहीं करते हैं वहां पर कैसे इलाज संभव हो सकता है। इस सम्बंध में चिकित्सा अधिकारी राजकुमार बौद्ध से बात करने पर उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी प्रतापगढ़ से इस संबंध में कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
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