प्रतापगढ़ जनपद की कानून व्यवस्था हुई तार -तार, पुलिस बनी अपराधियों और दबंगों की मददगार

प्रतापगढ़ जनपद की कानून व्यवस्था हुई तार -तार, पुलिस बनी अपराधियों और दबंगों की मददगार

प्रतापगढ 



09.08.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



प्रतापगढ जनपद की कानून व्यवस्था हुई तार-तार,पुलिस बनी अपराधियों और दबंगों की मददगार




 उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है।सूबे के मुखिया अपराधियों और दबंगों पर लगातार सख्त रूख अपनाएं हुए है।दावों के मुताबिक उत्तर  प्रदेश की कानून व्यवस्था तथा पुलिस प्रशासन देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा अव्वल नंबर पर है,लेकिन सूबे का एक जिला ऐसा है जिसको प्रदेश में बड़के जिले के नाम से भी प्रसिद्धि मिली हुई है। प्रतापगढ़ पुलिस सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेशों के ठीक उल्टा कार्य कर रही है।सूबे के मुखिया का प्रतापगढ़ पुलिस में जरा सा भी डर नही है।पिछले कुछ सालों में जिले में कोई भी पुलिस कप्तान एक साल का भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएं हैं। अब इसका मूल कारण क्या है यह जगजाहिर है।प्रतापगढ़ जिले में अपराधियों,शराब माफियाओं,लकड़ी माफियाओं और दबंगों का इस क़दर बोल बाला है कि यहां की पुलिस इनके आगे बौनी साबित हो रही है।अपराध पर लगाम लगाने के बजाय पुलिस पीड़ित के ऊपर अपना शिकंजा कस कर पुलिसिंग का दम भरने में माहिर है।हाल ही में ऐसे कई घटनाओं का उदाहरण हैं जिसमें या तो पुलिस ने पीड़ित की एफआईआर नहीं लिखी या डरा धमकाकर दबाव बनाकर मामले को रफ़ा-दफा कर दिया।

सूत्रों की अगर मानी जाए तो जिले की एक- दो कोतवाली को छोड़कर पुलिस की सांठ -गांठ से कहीं शराब माफिया फल फूल रहें हैं तो कहीं वन माफिया,तो वही लालगंज सर्किल के एक कोतवाली का होमगार्ड अंधाधुंध हरे पेड़ो की अवैध कटान करवा रहा है और थाना प्रभारी 

मौज मार रहे है।इसी प्रकार कुण्डा सर्किल में चौकीदार भी देशी शराब के अवैध कारोबार में संलिप्त हैं।आपको बता दें कि छिनैती,लूट, मारपीट,हत्या,हत्या का प्रयास,बलात्कार की कोशिश,रंगदारी जैसे संगीन अपराध को अंजाम देने वाले अपराधी मौज में जीवन जी रहे है।कुछ तात्कालिक मामलों पर ध्यान अगर दिया जाए यो जेठवारा थाना क्षेत्र में एक छिनैती की घटना हुई।इस मामले में पुलिस ने एफआईआर लिखने में आना-कानी कर रही है। दूसरा मामला मान्धाता थाना क्षेत्र का है जहां पर दबंगों ने एक परिवार को लाठियों से पीटा और पुलिस ने पीड़ित परिवार के लोगों को ही बीते कई दिनों से थाने में बैठा रखा है।कुछ ही समय पहले एक पीआरडी जवान को गोली मारी गई थी जिसमें अभी तक सिर्फ पुलिस लकीर पीट रही है।जिले के एक दो कोतवाली को छोड़ कर लगभग सभी थानों व कोतवाली में कुछ ऐसी ही कहानी आपको सुनने और देखने को मिल जायेगी।

अब ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि हाल ही में नवनियुक्त हुऐ जिले के तेज़ तर्रार पुलिस कप्तान सतपाल अंतिल क्या इन सब मामलों से अनभिज्ञ हैं या फिर किंकर्तव्यविमूढ़ वाली हालत में पहुंच गए हैं।

क्या प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को प्रतापगढ़ जिले में फैली हुई इस अराजकता और जंगलराज की भनक तक नहीं लग रही है। क्या यह सब जिले के शासनज -प्रशासन के शह पर हो रहा है।क्या इस जिले के लोग अपराधियों और माफियाओं के आगे सिर झुकाकर जीने को मजबूर हो जाये।

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों शोरों से शुरू हो गई हैं लेकिन जिले में अपराधों की जो बाढ़ आई है इस पर शासन -प्रशासन की ये चुप्पी जिले के लोगों के मन में एक गम्भीर प्रश्न खड़ा कर रही है।जनपद के कुछ थाना प्रभारियों का कृत्य तो काफी शर्मनाक है।ऊंची पहुंच और राजनैतिक पकड़ के कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं होती।खुलेआम सौदेबाजी थानों पर हो रही है और पीड़ित न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।पुलिस अधीक्षक के दरबार से भी कोई न्याय पीड़ितों को नहीं मिल पाता है।पैसे के बल पर दो दो महीने बाद फर्जी मुकदमें दर्ज कर लिए जाते हैं और गरीब असहाय मार खाने के बाद भी मुकदमा दर्ज कराने के लिए अधिकारियों की चौखट पर नाक रगड़ने को मजबूर हैं।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *