प्रधान की तानासाही रवैया से प्राथमिक विद्यालय के मुख्य गेट पर पड़े घूरे के ढेर
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- Updated: 15 December, 2021 09:21
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पी पी एन न्यूज
अमौली/फतेहपुर
Report-Kamlendra
प्रधान की तानासाही रवैया से प्राथमिक विद्यालय के मुख्य गेट पर पड़े घूरे के ढेर
अमौली विकास खण्ड के ग्राम पंचायत मानेपुर के मजरे कुम्हारनपुर में प्राथमिक विद्यालय के बाहर के बाहर लगे कूड़े के ढेर जिम्मदार ग्राम प्रधान व सफाई कर्मचारी को नही दिख रहे हैं। जबकी कूड़े के ढेर विद्यालय के मुख्य द्वार के सामने लगे हुए हैं। जिससे उठने वाली सड़ाँध से आस पास के बाशिंदों समेत विद्यालय के छात्र छात्राओं का खुली हवा में सांस लेना भी दुश्वार है। वहीं विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं में मच्छर जनित संक्रामक बीमारियों, मलेरिया, डेंगू, मष्तिष्क ज्वर, मियादी बुखार से ग्रसित होने आशंकाएं भी बनी रहती हैं।
इन सबके बावजूद भी जिम्मेदार ग्राम प्रधान समेत सफाई कर्मी ने विद्यालय परिसर के मुख्य द्वार पर लगे बड़े बड़े कूड़े के ढेरों को हटवा उपरोक्त स्थान की साफ सफाई कराए जाने को कोई प्रभावी कदम उठाया जाना मुनाशिब नहीं समझा। जबकी ना सिर्फ जिम्मेदार लोगो का उपरोक्त मार्ग से हमेशा आना-जाना लगा रहता है।
बल्कि विद्यालय प्रशासन द्वारा भी अनेकों बार ग्राम प्रधान समेत सफाई कर्मी से भी विद्यालय के मुख्य द्वार पर लगे कूड़े के ढेरों को हटवा सफाई कराए जाने के लिए भी कहा गया। लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने इस ओर अपना ध्यान आकर्षित नहीं किया।बच्चे इन्ही कूड़े के ढ़ेर से होकर प्रतिदिन विद्यालय आते जाते है।खास बात यह है की यहाँ कूड़ा कचरा भी वही लोग फेक रहे है।जिनके घरो के बच्चे विद्यालय में पढ़ने आते हैं।
इस पर जब हमारे क्षेत्रीय संवाददाता ने मौके में पहुँच कर ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट ली तो प्राथमिक विद्यालय की शिक्षका ने बताया की इसकी शिकायत हम लोगों ग्राम प्रधान व सफाई कर्मचारी को कई बार की। इसके बावजूद भी आज तक ना तो ग्राम प्रधान ने कूड़े के ढेर को हटवाना मुनाशिब समझा। और ना ही सफाई कर्मी ने। उन्होंने कहा कि सरकार स्वच्छ भारत अभियान के तहत लोगो को जागरूक कर रही है।ग्रामीण जनता को साफ सफाई के बारे में जानकारी दे रही है।इसके बावजूद गांव के शिक्षा के मंदिर में मुख्य गेट के सामने सफाई की स्थति बदहाल होती नजर आ रही है।
सरकारी विद्यालय के बाहर कूड़े व के ढेर नजर आते है।जो किसी को दिखाई नही देते।जो स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोल रहे है। ग्रामीणों ने बताया की सफाई कर्मचारी नियमित रूप से नहीं आता। सिर्फ साल में एक दो बार आकर ही घर बैठे वेतन उठा रहा है। जिसकी मुख्य वजह ग्रामीणों ने गांव में तैनात सफाई कर्मचारी की ग्राम प्रधान समेत ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की सांठ गांठ होना बताया।
ग्रामीणों ने तो यहां तक कहा कि सफाई कर्मी नियमित रूप से कार्यस्थल ना पहुँचने के बदले अपने वेतन का कुछ हिस्सा ग्राम प्रधान समेत अन्य जिम्मदारों पर भी खर्च करता है।
जिससे ग्राम प्रधान समेत जिम्मेदार अधिकारी भी उसकी कामचोर कार्यशैली का विरोध नहीं करते। और ना ही उसके खिलाफ कार्यवाही करते हैं। जिससे वह घर बैठे आराम से बगैर काम किये हजारों का वेतन उठा रहा है। नतीजतन विद्यालय परिसर समेत गाँव की हर गली चौराहों में गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है।
जिससे लोगों का खुली हवा में सांस लेना भी दूभर है।
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