राजधानी में खाकी का खौफ खत्म: दुबग्गा में दिनदहाड़े खिड़की तोड़कर लाखों की सनसनीखेज चोरी
- Posted By: Admin
- खबरें हटके
- Updated: 28 December, 2025 22:34
- 54

राजधानी में खाकी का खौफ खत्म: दुबग्गा में दिनदहाड़े खिड़की तोड़कर लाखों की सनसनीखेज चोरी
दुबग्गा में पुलिस गश्त की खुली पोल, चोरों ने बंद मकान को बनाया निशाना।
मेहनत की कमाई पर चोरों ने फेरा हाथ, पुलिस के हाथ अब तक खाली।
दुबग्गा लखनऊ। राजधानी के दुबग्गा थाना क्षेत्र में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि अब उन्हें दिन के उजाले में भी पुलिस का कोई डर नहीं रह गया है। ताज़ा मामला हरीशचंद्र खेड़ा इलाके का है, जहाँ चोरों ने पुलिसिया गश्त और सुरक्षा दावों की धज्जियां उड़ाते हुए एक घर को पूरी तरह खंगाल डाला। ग्राम जिल्हापुर मौरा के मूल निवासी भगवान दास पुत्र ललतु प्रसाद, जो पिछले आठ वर्षों से इसी इलाके में सपरिवार रह रहे हैं, रविवार को पुलिस की इसी ढिलाई का शिकार हो गए।
पीड़ित के अनुसार, वह दोपहर एक बजे से साढे तीन बजे के बीच घर से बाहर थे, मात्र ढाई घंटे की इसी अवधि में अज्ञात चोरों ने खिड़की तोड़कर घर में प्रवेश किया और अलमारी में रखे एक लाख दस हजार रुपये नगद और भारी मात्रा में सोने-चांदी के जेवरात पार कर दिए। चोरी गए आभूषणों में सोने के दो हार, दो जोड़ी झुमकी, दो जोड़ी पायल, दो कमर पेटी और एक सोने की अंगूठी शामिल है, जिसकी कुल कीमत करीब सात लाख रुपये बताई जा रही है।
यह घटना क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता पर गंभीर सवालिया निशान खड़े करती है। एक तरफ जहाँ पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने की बात कही जाती है, वहीं घनी आबादी वाले इलाके में दिनदहाड़े खिड़की तोड़कर चोरी होना यह दर्शाता है कि पुलिस का सूचना तंत्र और गश्त पूरी तरह फेल हो चुकी है। पीड़ित द्वारा तहरीर दिए जाने के बाद दुबग्गा इंस्पेक्टर अभिनव कुमार वर्मा ने पारंपरिक रटा-रटाया बयान देते हुए कहा है कि छानबीन की जा रही है और चोर जल्द गिरफ्त में होंगे। हालांकि, स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर भारी रोष है कि पुलिस केवल घटना के बाद 'कार्यवाही' का आश्वासन देती है, जबकि अपराध रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। पुलिस अब आवास में अनधिकृत प्रवेश (जिसमें कारावास और आर्थिक दंड का प्रावधान है) और चोरी के अपराध (जिसमें तीन वर्ष तक की कैद हो सकती है) से जुड़ी विधिक धाराओं के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है, लेकिन पीड़ित का सवाल वही है कि क्या उसकी मेहनत की कमाई और जेवर उसे वापस मिल पाएंगे?

Comments