काला धुआं उगल रही है, चीनी मिल की चिमनियां, राखी से जनता परेशान
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- Updated: 20 February, 2022 18:42
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प्रकाश प्रभाव न्यूज़(PPN)
उदयवीर सिंह शाहजहांपुर
काला धुआं उगल रही है, चीनी मिल की चिमनियां, राखी से जनता परेशान
शाहजहांपुर। दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा वायु प्रदूषण प्रत्येक जीवधारी की जिंदगी को प्रभावित कर रहा है। पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए प्रशासन द्वारा अनेक उपाय किए जाने के दावे किये जा रहे हैं, किंतु लापरवाही के कारण वायु प्रदूषण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण वायु प्रदूषण से आम आदमी परेशान है। तिलहर एवं जनपद की चीनी मिल की चिमनियों से निकलता काला धुआं हवा में जहर घोल रहा है, वहीं चिमनी से उड़ने वाली काले रंग की राख वृक्षों की पत्तियों पर जमकर उन्हें नुकसान पहुंचा रही है, तथा आसपास के ग्रामीण भी घर के आंगन व छतों पर जमी कालिख से परेशान हैं। तिलहर रेलवे स्थित चीनी मिल की चिमनियों से काले धुएं का निकलना लगातार जारी है। मानकों के विपरीत चिमनियों से काला धुआं छोड़ा जा रहा है। चिमनियों से उड़ने वाली काली राख से आसपास के नगर एवं गांव में रहने वाले ग्रामीण हलकान हैं। सड़क किनारे खड़े वृक्षों की पत्तियों पर काली राख की परत जम गई है, जिससे पत्तियों के छिद्र बंद हो गये है तथा उन्हें नुकसान पहुंचने का खतरा पैदा हो गया है। आसपास के गांव , मिल आवास कॉलोनी के बाशिंदे हवा चलने पर परेशान हो जाते है, हवा चलने पर राखी घरों के आंगन व छतों पर काले रंग की परत जम जाती है। नगर वासियों एवं ग्रामीणों के अनुसार राख उडऩे के कारण वह कपड़ो को खुले में नहीं सूखा सकते हैं। चिमनियां उगल रही राख ग्रामीण परेशान चीनी मिल के आसपास से महफूज गुजर पाना राहगीरों के लिए आसान नहीं है। मार्ग में पड़ने वाली चीनी मिल व पेपर मिलों की चिमनियों से निकलने वाली राख के कण आंखों को परेशान करते हैं। इससे राहगीरों को नेत्र पीडा व आर्थिक नुकसान हो रहा है। वही अस्थमा रोगी भी बढ़ रहे हैं। जिम्मेदारों का इस समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं है। जनपद की स्थित पेपर मिलों व चीनी मिल की चिमनियां रात-दिन धुआं व राख उगल रही है। इन मिलों के आसपास के किसान व गांवों क्षेत्र के लोग प्रभावित हैं। क्षेत्र में पडने वाले खेतों में फसलों पर राख जमा रहती है, जिसके कारण फसल की कटाई बड़ी मुश्किल से हो पाती है। वहीं दूषित चारा खाने से पशु भी बीमार हो जाते हैं। चिमनियों की राख हवा के साथ आसपास के गांव की तरफ जाती है। ग्रामीण छत व आंगन में जो कपड़े सुखाते है, उन पर राख के कण पडते और काले हो जाते हैं। मिलों की चिमनियों का धुआं व राख को नगर क्षेत्र एवं ग्रामीण सांसों के साथ अंदर खींचते हैं, जिससे वे अस्थमा जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे है। सूत्रों की माने तो मिलों के धुएं व राख से नगर क्षेत्र एवं ग्रामीणों को भारी परेशानी पहुंच रही है। अक्सर गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। प्रदूषण के कारण जनता काफी परेशान है, विभाग के अधिकारी इस संबंध में कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। चिमनियों का धुआं व राख बाहर निकलकर प्रदूषण फैला रही है। अगर चीनी मिल व पेपर मिल नियमित रूप से चिमनी पर यंत्र लगाकर उसे चलाएं तो प्रदूषण से लोगों का बचाव हो सकता है।
धुंए व राख से खराब हो रही आंखें पेपर मिलों व चीनी मिल की चिमनियों की ऊंचाई कम है। चिमनियों पर राख को हवा में उड़ने से रोकने वाले यंत्र भी नहीं लगे हैं। इससे सड़क से गुजरने वाले लोगों की आंखों में धूल व राख के कण से आंखें खराब होती हैं। मिलों के कचरे से आंखों में असहनीय पीड़ा होती है। वहीं आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है।
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