राष्ट्रीय गौ रक्षक संघ महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष ने गौ कथा में गौ माता का महत्व बताया
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- Updated: 28 October, 2021 20:08
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PPN NEWS
शाहजहांपुर ब्यूरो उदयवीर सिंह
राष्ट्रीय गौ रक्षक संघ महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष ने गौ कथा में गौ माता का महत्व बताया
शाहजहांपुर। मानस प्रचार जनोत्थंन सेवा समिति हनुमान मंदिर गोला चोलापुर वाराणसी मैं आयोजित श्री राम कथा ज्ञान महायज्ञ कथा प्रवक्ता बाल विदुषी गो कृपा कांची साध्वी रूप ेश्वरी जी श्री धाम वृंदावन ने कथा के दूसरे दिवस कथा प्रसंग में बताया ईश्वर निर्गुण से सगुण रूप में धर्म की रक्षा के लिए गाय की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं।
जब जब धर्म का पतन होने लगता है अधर्म बढ़ जाता है तब-तब भगवान धरा धाम पर प्रकट होते हैं । अयोध्या का सूर्यवंश का इतिहास महान गौ भक्त रहा है। महाराज दिलीप ने एक बार एक गौ माता के प्राणों की रक्षा के लिए सिंह के सामने अपने आप को प्रस्तुत कर दिया। ऐसे महान गौ भक्त चक्रवर्ती सम्राट महाराज दिलीप के वंश में सभी राजा महान गौ भक्त थे।
परमात्मा गौ भक्तों के घर में बालक बनकर आने के लिए उत्सुक रहते हैं जब जब पृथ्वी अपने सगुण रूप में प्रकट होती है तो गाय का रूप ही धारण करती है।
दूसरे दिवस के प्रसंग में साध्वी जी ने शिव विवाह का प्रसंग कहते हुए बताया पार्वती श्रद्धा स्वरूपा है। भगवान शिव विश्वास के प्रतीक है मानव जीवन में जब श्रद्धा और विश्वास का पाणिग्रहण हो जाता है।
तो परमात्मा का मिलन हो जाता है भगवान शिव के बारे में साध्वी जी ने बताया भगवान शिव का वाहन नंदी है ।
नंदी धर्म का प्रतीक होता है अर्थात नंदी के चार पैर अर्थात धर्म के चार चरण होते हैं सत्य, तपस्या, दया और पवित्रता। मानव जब जीवन में इन चार बातों को धारण कर लेता है तो धार्मिक बन जाता है तब भगवान शंकर की कृपा का पात्र बन जाता है।
शिव पार्वती विवाह जीवात्मा और परमात्मा का मिलन ही शिव विवाह का सही स्वरूप है वर्तमान समय में गौमाता का तिरस्कार चरम पर है ।भगवान श्री राम, एवम श्री कृष्ण आज भी इस धरा धाम पर अवतरित होने के लिए उत्सुक हैं ।
उन्हें कोई सुपात्र गौ भक्त गृहस्थ ही नहीं मिल रहा कथा के अंत में साध्वी जी ने बताया आराम की तलब है तो एक काम कर आ राम की शरण में और राम-राम कर।
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