‘‘एक मुठ्ठी आसमा‘‘ विषयक झांकी का प्रदर्शन किया जाएगा
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- Updated: 25 January, 2022 21:37
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प्रकाश प्रभाव न्यूज़(PPN)
उदयवीर सिंह शाहजहांपुर
‘‘एक मुठ्ठी आसमा‘‘ विषयक झांकी का प्रदर्शन किया जाएगा
शाहजहाँपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अधिकारी आशुतोष तिवारी ने बताया कि दिनांक 26 जनवरी, 2022 को राजपथ नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस की परेड में लोक अदालत से संबंधित ‘‘एक मुठ्ठी आसमा‘‘ विषयक झांकी का प्रदर्शन किया जायेगा। एक मुटठी आसमां लोक अदालत, समावेशी न्याय व्यवस्था एक मुटठी आसमां थीम, गरीबों तथा समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए भरोसा, दृढ़ निश्चय तथा आशा का प्रतीक है।
विधिक सेवा प्राधिकरणों का गठन समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त एवं सक्षम विधिक सेवाओं को प्रदान करने के लिए, ताकि आर्थिक या किसी भी अन्य कारणों से कोई भी नागरिक न्याय पाने से वंचित न रहे तथा लोक अदालत का आयोजन करने के लिए किया गया है, जिससे कि न्यायिक प्रणाली समान अवसर के आधार पर सबके लिये न्याय सुगम बना सके। लोक अदालत क़ानूनी विवादों का, सुलह की भावना से. न्यायालय से बाहर समाधान करने का वैकल्पिक विवाद निष्पादन का अभिनव तथा सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है, जहाँ आपकी समझ बुझ से विवादों का समाधान किया जाता है। लोक अदालत सरल एवम् अनौपचारिक प्रक्रिया को अपनाती है तथा विवादों का अविलम्ब निपटारा करती है। इसमें पक्षकारों को कोई शुल्क भी नहीं लगता है। लोक अदालत से न्यायालय में लंबित मामले का निष्पादन होने पर, पहले से भुगतान किये गये अदालती शुल्क को भी वापस कर दिया जाता है। लोक अदालत का आदेश/फैसला अंतिम होता है जिसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती। लोक अदालत से मामले के निपटारे के बाद दोनों पक्ष विजेता रहते है तथा उनमे निर्णय से पूर्ण संतुष्टि की भावना रहती है, इसमें कोई भी पक्ष जीतता या हारता नहीं है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने जन-जन के दर तक न्याय की इस तीव्रतर प्रणाली को पहुँचाया है और अदालतों का बोझ बड़े पैमाने पर घटाया है 2021 में आयोजित की गई राष्ट्रीय लोक अदालतों में, एक करोड़ पचीस लाख से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया है।
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