भारत को दुनिया में लोकतांत्रिक देश के रूप में जाना जा रहा इसका श्रेय बाबू राजेन्द्र प्रसाद को : प्रो.वी.एन मिश्रा

भारत को दुनिया में लोकतांत्रिक देश के रूप में जाना जा रहा इसका श्रेय बाबू राजेन्द्र प्रसाद को : प्रो.वी.एन मिश्रा

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भारत को दुनिया में लोकतांत्रिक देश के रूप में जाना जा रहा इसका श्रेय बाबू राजेन्द्र प्रसाद को : प्रो.वी.एन मिश्रा


लखनऊ, 7 दिसम्बर 2021 (मंगलवार)।

महापुरुष स्मृति समिति की ओर से मंगलवार प्रातः भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया गया।

माल्यार्पण कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे लखनऊ इंट्ल्क्चुवल फोरम के अध्यक्ष प्रोफेसर वीएन मिश्रा ने बाबू राजेन्द्र जी को नमन करते हुए कहा कि वे संविधान सभा के अध्यक्ष रहे जिन्होंने जाति-धर्म से ऊपर उठकर समाज में एक नया संदेश देने की कोशिश की थी और संविधान के माध्यम से समाज को एक ढाँचा प्रदान किया। उसी संविधान स्वरूप ढाँचे के आधार पर देश आज लोकतंत्र की पराकाष्ठा पर है। पूरी दुनिया में भारत एक लोकतांत्रिक देश के रूप में जाना जा रहा है, इसका श्रेय पहले राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद को ही जाता है।

विगत वर्षों में कई विभिन्नताएं ऐसी आईं जिनकी वजह से संविधान पुनर्विवेचना या समीक्षा की आवश्यकता है। प्रो. मिश्र ने केन्द्र और राज्य सरकारों को सुझाव देते हुए कहा कि बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी के नाम पर और अधिक योजनाएं, परियोजनाएं, भवन, पुरस्कार और सम्मान जैसे कई कार्यक्रम शुरू करना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ी स्वतंत्रता से पहले और स्वतंत्रता के बाद उनके द्वारा भारत निर्माण के लिए किए गए योगदान को भूल न सकें।

राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हो रहे "अमृत महोत्सव" से प्रेरित होकर महापुरुष स्मृति समिति द्वारा भारत गणराज्य के पहले राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी का जन्मदिन उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मनाया गया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में परिवर्तन चौक स्थित ग्लोब पार्क में स्थापित प्रतिमा पर समिति के सहयोगियों ने माल्यार्पण किया। माल्यार्पण के उपरांत उपस्थित सभी सहयोगियों द्वारा बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी के राष्ट्रपति बनने से पूर्व परतंत्र राष्ट्र से स्वतंत्रता कराने तक किए गए अमूल्य योगदान पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष भारत सिंह ने कहा कि बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी हमारे देश की धरोहर हैं। जब देश परतंत्र था तब वह अपने युवावस्था काल से ही राष्ट्र स्वतंत्र हो इसके लिए चिंतित रहते थे।

स्वतन्त्रता से संबंधित विभिन्न आंदोलनकारियों में वह भी शामिल रहते थे। ऐसे महापुरुष को हमें भूलना नहीं चाहिए। उनके योगदान को विभिन्न रूपों में राष्ट्र के समक्ष रखा जाना चाहिए, जिससे युगों-युगों तक उन्हें भुलाया न जा सके। श्री सिंह ने यह भी अवगत कराया कि महापुरुष स्मृति समिति द्वारा "लाल बहादुर शास्त्री जन्मदिवस समारोह/आयोजन समिति" गठित कर विभिन्न रूपों में शास्त्री जी का भी जन्मदिन मनाया जा रहा है जो एक वर्ष तक चलेगा। समिति भारत राष्ट्र के ऐसे सभी धरोहरों का विगत कई वर्ष से जन्मदिन मना रही है।

बाबू राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन करने वालों में एडवोकेट पुष्कर सिंह सनी, रूपेन्द्र उपाध्याय, विनय तिवारी, केके सिंह कृष्ण, बृजनंदन 'राजू', अमरबहादुर, एडवोकेट अनुरक्त सिंह, एडवोकेट सनी प्रताप सिंह, शैलेश श्रीवास्तव चेयरमैन बैगमीज, वीरेन्द्र  कुमार त्रिपाठी, अजीत सिंह, अर्पिता सिन्हा समेत कई सहयोगी प्रमुख थे।

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