पंचायत से नगर निगम में शामिल हुए गांवों में ढाई साल बाद भी सुविधाओं का टोटा
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- उत्तर प्रदेश
- Updated: 1 May, 2022 18:07
- 2019

PPN NEWS
मोहनलालगंज, लखनऊ।
पंचायत से नगर निगम में शामिल हुए गांवों में ढाई साल बाद भी सुविधाओं का टोटा
टूटी फूटी जर्जर सड़कों पर जान जोखिम में डालकर निकलते हैं लोग
रिपोर्ट- सरोज यादव।
पंचायत से नगर निगम में शामिल हुए हसनपुर खेवली, माढर मऊ खुर्द, माढर मऊ कला, निजामपुर, बरौना, सोनई कजेहरा गांव के अधिकतर क्षेत्राें में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। सरकार शहरों व गांवों के विकास के लिए कागजों पर तो अनेकों योजनाएं चला रही है पर इन गांवो में अभी विकास कार्यों का टोटा है।
आलम यह है कि आवागमन के लिए टूटी फूटी गड्ढे युक्त जर्जर सड़कें, पेयजल की गंभीर समस्या, बिजली की अनियमितता व गंदगी मानो क्षेत्र की पहचान बन गई है। जबकि हसनपुर व माढर मऊ समेत कुल 88 गांवों को नगर निगम में शामिल हुए करीब ढाई साल का कार्यकाल व्यतीत हो चुका है लेकिन हसनपुर खेवली और माढरमऊ गांव में पानी की गंभीर समस्या के साथ ही जर्जर व टूटी फूटी सड़कें सालों से आवागमन में बाधक बनी हुई हैं। जबकि इन गांवों की बद से बदतर हो चुकी सड़कों से रोजाना हजारों की संख्या में लोग अपने निजी व सरकारी कार्यों के लिए सफर करते हैं।
स्थानीय लोगों की माने तो तो इन जर्जर सड़कों पर दोपहिया चौपहिया वाहनों की कौन कहे पैदल चलना भी काफी जोखिम भरा है जिसकी वजह से आए दिन लोग गिर गिरकर चोटिल होते रहते हैं इतना ही नहीं बारिश के दिनों में तो इन गांवों में जलजमाव की भी गंभीर समस्या बनी रहती है। गर्मी में पेयजल की किल्लत तो बरसात में क्षेत्र का मंजर दरिया जैसा रहता है।
पंचायत से नगर निगम में शामिल इस क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए कोई पाइप लाइन तक नहीं बिछायी गई है। इन गांवों में लगे 70 फीसदी हैण्डपम्प खराब पड़े हैं। उनकी मरम्मत तक नहीं हो पा रही है। गांव में समर्सिबल पम्प और एलईडी लाइटों का अभाव है। तो दूसरी ओर बरसात के दिनों में स्थानीय लोगो को रोजाना व्यवस्था से जंग लड़ना पड़ता है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण क्षेत्र में जल जमाव की स्थिति बनी रहती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से ये गांव नगर निगम में शामिल किए गए हैं तबसे इन गांवों में एक रूपये का भी विकास कार्य नहीं कराया गया है। जबकि 2019 में नगर निगम की सीमा में शामिल किए गए इन गांवों में विकास कराने का जिम्मा नगर निगम का है। लेकिन ढाई वर्ष का कार्यकाल बीत चुका है लेकिन अभी भी ये गांव विकास से कोसों दूर हैं। जिसके चलते इन गांवों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है।
योगी सरकार व नगर निगम से लोगों की बढ़ी आस
ढाई वर्ष पूर्व 2019 में पंचायत से नगर निगम में शामिल हुए हसनपुर खेवली व माढर मऊ गांव में रहने वाले अनिल कुमार यादव, अधिवक्ता राहुल यादव व श्याम कुमार आदि ने बताया कि उन्हें योगी.2 सरकार व नगर निगम से काफी आस है और उन्होंने क्षेत्रीय विधायक और मेयर संयुक्ता भाटिया से अपील की है कि पंचायत से नगर निगम में शामिल हुए इन गांवों को करीब ढाई साल हो गए हैं लेकिन इन गांवों की बुनियादी सुविधाओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है जिसकी वजह से बिजली, पानी, सड़क की काफी जटिल समस्या है। उनसे अपेक्षा है कि इन क्षेत्रों का शासन स्तर से बजट पास कराकर त्वरित विकास कर क्षेत्र की समस्याओं का निदान कराएं।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पानी की किल्लत, गंदगी का साम्राज्य व टूटी फूटी जर्जर सड़कें अब भी पुराने दिनों की याद दिलाती है पर हम सभी ग्रामीणों को आशा है कि पंचायत से नगर निगम में शामिल हुए हसनपुर खेवलीव माढर मऊ गांव की जल्द ही सूरत बदलेगी। उनकी नगर निगम से यही उम्मीदें हैं।
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