फौजी को मिला न्याय
- Posted By: Surendra Kumar
- उत्तर प्रदेश
- Updated: 11 December, 2022 11:26
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थाना समाधान दिवस...
तीन वर्ष से अपनी जमीन पाने के लिए भटक रहे रिटायर्ड फौजी को आखिरकार एडीसीपी ने दिलाया न्याय
मोहनलालगंज कोतवाली में आयोजित समाधान दिवस में पहुंचा था फौजी
मोहनलालगंज, लखनऊ।
रिपोर्ट- सरोज यादव।
मोहनलालगंज कोतवाली पर शनिवार को आयोजित थाना समाधान दिवस में दक्षिणी जोन की एडीसीपी मनीषा सिंह ने तीन वर्ष से न्याय की तलाश में अधिकारियों की चौखट के चक्कर काट रहे बिहार छपरा के रहने वाले रिटायर्ड फौजी की फरियाद सुन उसकी समस्या को गंभीरता से लेते हुए दबंग विपक्षी को मौके पर बुलाकर उससे उसकी जमीन वापस करने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाकर न्याय दिलाया।
आपको बता दें कि श्रीलंकाई शांति मिशन और कारगिल वार में अपनी सेवाएं देकर सेना से रिटायर्ड हुए 65 वर्षीय पूर्व सूबेदार बब्बन शाह ने हार्ट और शुगर से पीड़ित अपनी पत्नी का लखनऊ कमांड हॉस्पिटल में बेहतर इलाज कराने के लिए अपने गांव के पड़ोस में रहने वाले एएमसी सीएचक्यू लखनऊ कैण्ट में तैनात सिविल क्लर्क के माध्यम से तीन वर्ष पूर्व 2019 में मोहनलालगंज तहसील में कोतवाली क्षेत्र के छिबऊ खेड़ा गांव में एक प्लॉट खरीदकर बैनामा कराया था। लेकिन उस समय सीएए एनआरसी के दंगों की वजह से उसकी बाउंड्री नहीं करा पाया था। जिसका फायदा उठाकर विपक्षी अंजनी तिवारी और उसके भाई अखिलेश तिवारी ने उसी प्लॉट को ज्यादा पैसे लेकर तेलीबाग में रहने वाले एक अन्य भूतपूर्व सैनिक राजेन्द्र विष्ट को बैनामा कर धोखे से बेच दिया। रिटायर्ड फौजी बबन शाह का आरोप है कि जब उसे अपने साथ इस धोखाधड़ी की जानकारी हुई तो उसने अंजनी तिवारी और उसके भाई अखिलेश तिवारी से अपना पैसा वापस मांगना शुरू किया। किन्तु दोनों धोखेबाज भाई न तो उसका पैसा वापस कर रहे हैं और न ही उसे उसका प्लॉट ही दे रहे हैं। उल्टा उसे अपनी ऊंची पहुंच का रौब दिखाकर उसे और उसके बेटे के साथ गाली गलौज और जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। रिटायर्ड फौजी ने बताया कि धोखेबाज भाइयों की धमकी से ऊब कर उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट कर न्याय न मिलने पर विधान भवन के सामने आत्मदाह तक करने का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद रिटायर्ड फौजी अपनी शिकायत लेकर शनिवार को मोहनलालगंज कोतवाली में आयोजित समाधान दिवस में पहुंचा जहाँ मौजूद एडीसीपी मनीषा सिंह और एसीपी धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी से अपनी शिकायत दर्ज कराई जिस पर दोनों अधिकारियों द्वारा फौजी की शिकायत को गंभीरतापूर्वक विचार करने के उपरांत उक्त मामले से संबंधित फ्राड करने वाले विपक्षी अखिलेश तिवारी को हल्का दरोगा विकास यादव के जरिए मोहनलालगंज कोतवाली पर बुलाया और मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर कुलदीप दुबे को निर्देश दिए कि वह फ्राड करने वाले आरोपी से अभी एक सहमति पत्र लिखा लें कि उसने जिसे प्रथम बैनामा किया है उक्त प्लॉट उसे ही देगा अन्यथा उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा कायम कर उसे जेल भेजें। जिसके बाद एडीसीपी मनीषा सिंह व एसीपी धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी के समक्ष आरोपी अखिलेश तिवारी ने रिटायर्ड फौजी बबन शाह को उक्त प्लॉट देने के लिए हामी भरते हुए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। आखिरकार तब कहीं जाकर तीन वर्ष से न्याय की तलाश में भटक रहे रिटायर्ड फौजी को फ्रॉड करने वालों के चंगुल से मुक्त करा कर उन्हें न्याय दिलाते हुए उसके खरीदे गए प्लाट पर निर्माण करने के लिए आदेश दे दिए हैं। इस संबंध में एडीसीपी मनीषा सिंह ने बताया कि कारगिल युद्ध और श्रीलंकाई शांति सेना में अपनी सेवाएं देने वाले रिटायर्ड सुबेदार बबन सिंह द्वारा तीन वर्ष पूर्व वर्ष 2019 में छिबऊ खेड़ा गांव में खरीदे गए प्लॉट पर निर्माण कार्य शुरू कराने की अनुमति सहमति पत्र के आधार पर दी गई है। लेकिन विपक्षियों द्वारा उक्त निर्माण कार्य में यदि किसी भी प्रकार का व्यवधान डाला गया तो उक्त धोखेबाजों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं समाधान दिवस में आए सभी 13 प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को समयबद्ध सीमा में निस्तारण के आदेश दिए गए। इस मौके पर तहसीलदार आनंद तिवारी समेत राजस्व निरीक्षक व लेखपाल के साथ ही सभी उपनिरीक्षक भी मौजूद रहे।
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