प्रयागराज नैनी जेल से वीडियो और आडियो कॉल के जरिए अपनाें से जुड़ रहे बंदी।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
रिपोर्टर :ज़मन अब्बास
दिनांक :17/11/2020
प्रयागराज नैनी सेंट्रल जेल में कोविड-19 की वजह से मिलाई बंद है। इससे बंदी तनाव में न आए, इसके लिए जेल प्रशासन ने उनके स्वजनों से बातचीत कराने का रास्ता निकाला है। जेल में पीसीओ खोला गया है। पांच मोबाइल फोन भी यहां रखे गए हैं। सभी बंदियों से कहा गया है कि वह सप्ताह में पांच दिन अपने स्वजनों से बात कर सकते हैं। इससे बंदियों की राहत मिली है।
नैनी में बंद है वर्तमान में 4500 बंदी
नैनी जेल में वर्तमान में 4500 बंदी हैं। कोरोना संक्रमण बढऩे पर जेल में मिलाई पर रोक लगा दी गई थी। धीरे-धीरे कई माह बीत गए तो बंदी स्वजनों से मुलाकात न हो पाने के कारण परेशान रहने लगे। वे तनाव में जाने लगे। बात शासन तक पहुंची तो तय हुआ कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए मिलाई पर प्रतिबंध जारी रहेगा, लेकिन बंदियों को उनके स्वजनों से फोन के माध्यम से बात कराई जाए। एक बंदी को सप्ताह में पांच बार बात कराने को कहा गया है। इसे लेकर नैनी जेल में एक पीसीओ बनाया गया। इसमें दो लाइन चालू की गई। साथ ही पांच मोबाइल पर रखा गया। यहां डिप्टी जेलर की ड्यूटी लगाई गई। बंदीरक्षकों को भी तैनात किया गया। बंदियों से शपथ पत्र लिया गया। इसमें बंदियों ने अपने स्वजन का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखकर दिया। इसके बाद उनके स्वजनों से बात कराई जा रही है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडे ने बताया कि बंदी स्वजनों से न मिल पाने की वजह से तनाव में न आए, इसके लिए पीसीओ व पांच मोबाइल की व्यवस्था की गई है। यह निश्शुल्क है। बंदी इसके माध्यम से अपने स्वजनों से बातचीत कर रहे हैं। डिप्टी जेलरों की वहां ड्यूटी लगाई जाती है, ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
शादी, गंभीर बीमारी पर कराई जाती है वीडियो कॉल।
अगर किसी बंदी के यहां शादी है या कोई गंभीर रूप से बीमार है तो उसे वीडियो कॉल की इजाजत मिलती है। डिप्टी जेलर वीडियो कॉल के माध्यम से बंदी की उसके स्वजन से बात कराते हैं।
संख्या अधिक होने के कारण दो बार होती है बात
जेल में बंदियों की संख्या अधिक है। ऐसे में पीसीओ और पांच मोबाइल से बंदियों को उनके स्वजनों से वार्ता करा पाना संभव नहीं हो रहा है। नियम के मुताबिक सप्ताह में पांच बार बंदी बात कर सकते हैं, लेकिन संख्या अधिक होने की वजह से वह सिर्फ दो बार ही बातचीत कर पाते हैं।
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