न्याय के लिए दर-दर भटक रहा पीड़ित , न्याय नहीं तो कभी भी आत्महत्या कर सकता पीड़ित

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न्याय के लिए दर-दर भटक रहा पीड़ित , न्याय नहीं तो कभी भी आत्महत्या कर सकता पीड़ित
रिपोर्टर, अशोक कुमार जिला
वर्ष 1988 से चीनी मिल पुवायां में कार्यरत कुलभूषण त्रिवेदी मूल निवासी तिलहर ने बताया कि "हमने लगभग तीन साल चीनी मिल में काम किया, नवीनीकरण भेदभाव व चीनी मिल के अधिकारियों की मिलीभगत से हमको आश्वासन दिया गया कि हम आपको यही पर रखेंगे।
मिलीभगत होने के कारण हमको वहां से हटाकर जीएम साहब ने मेरी जगह पर अपने दामाद को लगवा दिया हमारी शासन-प्रशासन से मांग है कि हम को न्याय मिले अगर हम को न्याय नहीं मिल रहा तो किसी भी समय हम मुख्यमंत्री के आवास पर आत्मदाह कर सकते क्योंकि अब मेरे जीने का कोई मकसद नहीं रह गया।
हमारी एक बिटिया थी जो की बहुत ही होनहार चित्रकार थी जिसने गरीबी और इसी प्रकरण के चलते अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली वैसे हमारा किसी को भी ठेस पहुंचाने का उद्देश्य नहीं है पर हमने बहुत प्रयास किया पर हम को न्याय नहीं मिला उसके बाद हमारा होनहार बच्चा चला गया,अब आप ही लोग बताइए हमारे जीने का उद्देश्य क्या रह गया।"
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