नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही से फिर हो रहा नगर निगम की जमीन पर अतिक्रमण

प्रकाश प्रभाव
रिपोर्ट, नीरज उपाध्याय
नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही से फिर हो रहा नगर निगम की जमीन पर अतिक्रमण
जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार लगातार अवैध निर्माण व अवैध कब्जे को लेकर मुस्तैद नजर आ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ के थाना नाका क्षेत्र के राजेंद्र नगर में नाले के किनारे सार्वजनिक मार्ग है जो कि लगभग 30 वर्षों पुराना है जो कि 15 फीट चौड़ा है।
उस पर अवैध मकान बनाया जा रहा है जबकि इस मामले की पूरी जानकारी सभी प्रशासनिक अधिकारियों एल डी ए व नगर निगम सभी को दी गई लेकिन इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
आपको बता दें कि इस अवैध निर्माण कार्य में गुड़िया यादव एवं मोनू यादव तथा उनके कुछ अन्य लोग शामिल हैं।
उसी स्थान के पास रहने वाले संतोष पाण्डेय ने इस बात का विरोध किया जिसको लेकर गुड़िया यादव व मोनू यादव उस व्यक्ति के घर में घुसकर खुलेआम धमकी देकर आए।
उसके बाद उस व्यक्ति ने इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय में गुहार लगाई।
जिसमें न्यायालय द्वारा अमीन ने मौके पर जांच करके अपनी रिपोर्ट दिनांक 14 फरवरी 2020 को न्यायालय में प्रेषित किया।
जिसमें साफ स्पष्ट हो गया शंकर दूधवाले के मकान के सामने जितनी चौड़ी गली है वही पूरे मार्ग की चौड़ाई है जो कि लगभग 15 फीट है,
लेकिन इसके बावजूद अभी भी प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई।
पीड़ित की माने तो स्थानीय चौकी इंचार्ज की मिलीभगत से यह पूरा कार्य हो रहा है और पूरी दबंगई के साथ कार्य किया जा रहा है।
इस मामले में जोनल अधिकारी से भी बात हुई लेकिन उन्होंने भी पूरे मामले में हीला हवाली ही की अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
अब सवाल यह उठता है कि इस मामले में संतोष पांडे द्वारा अगर कोई हस्तक्षेप होता है, तो बहुत बड़ा बवाल खड़ा हो सकता है।
जिसमें जान माल का भी खतरा है,अब प्रश्न यह उठता है कि इस बात की जिम्मेदारी क्या स्थानीय थाना नाका या नगर निगम लेगा ??
क्योंकि सभी प्रणाम के अनुसार यह साबित होता है कि गुड़िया यादव के द्वारा बनाया गया भवन अतिक्रमण की श्रेणी में आता है।
उसे रोकना न्यायोचित होगा।
यदि प्रशासन द्वारा प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है तो इसकी जिम्मेदारी स्थानीय थाने व नगर निगम प्रशासन की होगी।
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