गर्मियों में किसान भाई खेत की गहरी जुताई अवश्य करें--उप कृषि निदेशक

गर्मियों में किसान भाई खेत की गहरी जुताई अवश्य करें--उप कृषि निदेशक

PPN NEWS

गर्मियों में किसान भाई खेत की गहरी जुताई अवश्य करें--उप कृषि निदेशक


कौशाम्बी। उप कृषि निदेशक सतेन्द्र कुमार तिवारी ने किसान भाइयों को सूचित किया है कि अप्रैल में रबी सीजन की फसलो की कटाई के उपरान्त मई, जून माह में खाली खेतो की जुताई के अनेक फायदें है। एक तरफ जहाँ मृदा संरचना में सुधार होता है, वहीं दूसरी तरफ हानिकारक कीटो के लार्वा व अण्डे नष्ट हो जाते हैं। मृदा में अच्छी तरह वायु संरचना हो जाती है, इससे खरपतवार कम हो जाते हैं, जिससे आगामी फसलों के लिए जुताई तथा खरपतवार के लिए ज्यादा व्यय भार कृषको पर नहीं पडता हैं। उत्पादन को भी 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता हैं।


जल शोषण व जल धारण क्षमता अधिक हो जाने से पानी की बचत होती है। इस सीजन में जुताई से फसल अवशेष खरपतवार भी नीचे दब कर खेत में जीवाष्म/कार्बनिक खादो में बढ़ोतरी करते हैं, जिससे भूमि की संरचना में सुधार होता है। ग्रीष्म कालीन जुताई करने से खेत के मौजूद खनिज अधिक सुगमता से पौधे के भोजन में परिणित हो जाते हैं। ग्रीष्म कालीन जुताई करने से खेती की मिट्टी का कटाव मे 66 प्रतिशत तक कमी होती है। जुताई के बाद खेत के चारो ओर ऊंची मेंड जरूर बनाये, मेड बनाने से वायु तथा बारिश के जल द्वारा मिट्टी का क्षरण नही होता है। खेत वर्षा का जल सोख लेता है।

 

गर्मी की जुताई हमेशा मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी करनी चाहिए, जिससे खेत की मिट्टी के बडे-बडे. ढेले बन सकतें हैं। क्योकि ये मिट्टी के ढेले अधिक पानी सोखकर पानी खेत के अन्दर नीचे उतरेगा जिससे भूमि की जल धारंण क्षमता में सुधार होता है। किसान भाई अधिक उत्पादन पाने के लिये ग्रीष्म कालीन जुताई अवश्य करे।

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