नोटबंदी का गलत फैसला अर्थव्यवस्था की तबाही का दुर्भाग्यपूर्ण कदम --प्रमोद तिवारी

नोटबंदी का गलत फैसला अर्थव्यवस्था की तबाही का दुर्भाग्यपूर्ण कदम --प्रमोद तिवारी

प्रतापगढ 




08.11.2021




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




नोटबंदी का गलत फैसला अर्थव्यवस्था की तबाही का दुर्भाग्यपूर्ण कदम-प्रमोद तिवारी





केन्द्रीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य एवं यूपी आउट रीच एण्ड को आॅर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने नोटबंदी के फैसले को देश की अर्थव्यवस्था की तबाही का गलत फैसला करार दिया है। आठ नवम्बर को मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी के लिए गए तत्कालीन फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री तिवारी ने कहा है कि नोटबंदी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अविवेकपूर्ण फैसले से जीडीपी माइनस में पहुंच गई तथा विकास दर में भी भारी गिरावट आ गई है। श्री तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार को अर्थशास्त्र का बहुत ज्ञान न होने के कारण भी अर्थशास्त्री मानकर नोटबंदी का लिया गया फैसला देश के सैंतालीस वर्षों के इतिहास में सबसे अधिक बेरोजगारी की पीड़ा दे गयी है। वहीं प्रमोद तिवारी ने कहा है कि इस फैसले से लघु तथा मध्यम एवं बड़े उद्योग बन्दी के कगार पर पहुंच गये। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नोटबंदी के चलते मात्र दो घरानों तथा मुख्य रूप से देश के चैदह बड़े औद्योगिक घरानों में देश की छियासी प्रतिशत दौलत सिमटकर रह गयी। सीडब्ल्यूसी मेंम्बर प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार के दावें के विपरीत इस फैसले से न तो विदेशों से काला धन वापस आया और न ही आतंकवाद रूक सका। उन्होंने तगड़ा तंज कसा कि आर्थिक पलायन तक रोकने में विफल सरकार के नोटबंदी के फैसले से पहले की ब्लैक मनी आज की ह्वाईट मनी हो गयी है। श्री तिवारी ने कहा कि देश की अर्थ व्यवस्था को समाप्त करने वाले इस दुर्भाग्यपूर्ण कदम से देश को आर्थिक तबाही की पीड़ा झेलनी पड़ रही है। श्री तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार ने कोरोना काल की आड़ में नोटबंदी के काले अध्याय की कमी को छिपाने का हर संभव प्रयास किया। किन्तु सच्चाई यही है कि बेरोजगारी तथा जीडीपी की गिरावट कोरोना काल से बहुत पहले शुरू हो चुकी थी। उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार ने नोटबंदी के दुष्परिणाम से खुद को उबारने के लिए जनता को एक सौ दस से एक सौ पन्द्रह रूपये महीनों महंगें पेट्रोल बेचें हैं। मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश शुक्ल के हवाले से सोमवार को यहां जारी बयान में श्री तिवारी ने चुटकी ली कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकिष्ण आडवाणी के जन्म दिन पर नोटबंदी की वर्षगांठ अपने संरक्षक और पथप्रदर्शक को राजनीतिक वनवास में भेजने की प्रधानमंत्री की नीयति और अर्थनीति का भी दुखद एहसास दिला गया है। श्री तिवारी ने कहा कि अब तो देश के एक राज्यपाल तक किसानों की जमीन की कीमत पर मौतों के सिलसिले को लेकर अपना मंतव्य सामने लाकर इस बात को और बलबती बना दिया है कि मोदी सरकार पूरी तरह किसान विरोधी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार जब तक तीनों काले कृषि कानूनों को वापस नही नहीं लेती कांग्रेस किसानों के हक की लड़ाई में अपना संघर्ष और तेजी से जारी रखेगी।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *