खाद बीज के संकट के बाद अब खेतों में सिंचाई के लिए पानी को तरस रहे हैं किसान

खाद बीज के संकट के बाद अब खेतों में सिंचाई के लिए पानी को तरस रहे हैं किसान

प्रतापगढ 


04.12.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



खाद बीज के संकट के बाद अब खेतों में सिंचाई के लिए पानी को तरस रहे हैं किसान




प्रतापगढ जनपद में झाड़ और घास में नहर ढूंढना भी मुश्किल हो गया है। सिंचाई का समय आते ही नहरों की सफाई की खुलने लगी पोल।जेठवारा कानूपुर से निकली यह प्रमुख नहर सैकड़ों गांव से होते हुए सई नदी तक जाती है यह प्रमुख नहर  मान्धाता ब्लॉक,लक्ष्मणपुर ब्लॉक, सदर ब्लॉक, के कई गांव से गुजरती है और इसी प्रमुख नहर से नहर की कई छोटी-छोटी शाखाएं निकली हैं जो कई गांव को जोड़ते हुए आगे निकली है।लेकिन इस प्रमुख नहर की सफाई नहीं की गई नहारे कहीं टूटी पड़ी है तो कहीं बड़ी-बड़ी घास और झाड़ उगे हुए हैं जिसके कारण पानी छोड़ना मुश्किल है।जिससे किसानों के खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है किसान पानी के लिए तरस रहे हैं।नहर विभाग एवं बांध परियोजना से जुड़े विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।ठेकेदारों व सिंचाई विभाग की मिलीभगत से किसान हो रहे हैं बर्बाद किसानों ने आरोप लगाया कि समय पर फसलों की सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जा रहा है किसानों के साथ अन्याय हो रहा है।सरकार की छवि को जानबूझकर खराब किया जा रहा है जिला अधिकारी को जांच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए तथा किसानों को समय पर नहर का पानी दिया जाना चाहिए।

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