कलयुग के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भागवत कथा ही एकमात्र सहारा :श्याम सुंदर शास्त्री
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 14 May, 2022 22:52
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प्रतापगढ
14.05.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
कलयुग के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भागवत कथा ही एकमात्र सहारा : श्याम सुंदर शास्त्री
प्रतापगढ़।सिर पर आस्था की कलश लिए महिलाओं की लंबी कतार थी। पारंपरिक मंगलगीत भागवत कथा के महात्म्य का संदेश दे रहे थे। भगवान श्री कृष्ण के जयकारे से पूरा वातावरण गूंज रहा था। हर कोई भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन दिखा। भागवत भक्ति की यह विहंगम नजारा शनिवार को सरैया प्रवेश पुर में आयोजित भागवत कथा सप्ताह के प्रथम दिन गांव भ्रमण को निकली कलशयात्रा के दौरान दिखा। कलश यात्रा के दर्शन को ग्रामीण आतुर दिखे।प्रतापगढ जनपद के विकास खंड कुंडा के सरैंया प्रवेशपुर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन कलश यात्रा में शामिल होने के लिए नवयुवतियों एवं विवाहिताओं की भारी भीड़ रही। सभी अपने-अपने सिर पर आस्था का कलश लिए कतार में लग गई। कथा स्थल पर भगवत भक्ति का यह नजारा देखते ही बन रहा था। वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास पंडित श्याम सुंदर शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कलश यात्रा का शुभारंभ कराया। इसके बाद आचार्य राजेंद्र प्रसाद, आचार्य महंत कुमार, आचार्य हरीओम शास्त्री, आचार्य राम मिलन की अगुवाई में भगवान श्रीकृष्ण व राधारानी के जयकारे के बीच निकली कलश यात्रा कई गांवों का भ्रमण करते हुए फूलमती धाम पहुंची। जहां पर पूजन अर्चन के बाद पुनः कथा स्थल पहुंची। जहां पर कथा व्यास पंडित श्याम सुंदर शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कलश स्थापित कराकर भागवत कथा के महात्म्य का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कई जन्मों के पुण्य उदय होने के बाद ही भागवत कथा का आयोजन होता है। सभी को कथा श्रवण करना चाहिए । कथा के श्रवण मात्र से ही मानव जीवन का कल्याण हो जाता है। कलयुग के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भागवत ही एकमात्र सहारा हैं। कथा हमें ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करती है। सुनने से सभी पापों का नाश होता है और प्राणी मात्र का कल्याण होता है। मुख्य यजमान राम मिलन ने भागवत कथा की आरती उतारी । इस मौके पर बृजेश विश्वकर्मा, श्याम लाल विश्वकर्मा, राम लखन, बड़कू, राजेश विश्वकर्मा, अमरनाथ, शिवलाल, छेदी लाल आदि लोग मौजूद रहे ।
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