शाखा प्रबंधक की कार्यशैली पर बैंक खाता धारक ने लगाया गम्भीर आरोप।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
संवाददाता मोहम्मद सलीम
शाखा प्रबंधक की कार्यशैली पर बैंक खाता धारक ने लगाया गम्भीर आरोप।
इन्हौना/अमेठी भारतीय स्टेट बैंक इन्हौना के शाखा प्रबंधक की मनमानी के चलते विगत 2 वर्ष से खाता धारक अपने ही पैसे के लिए बैंक की परिक्रमा कर रहा है और पैसे पाने के लिए परेशान है।मामला अमेठी जिले के इन्हौना भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से जुडा हुआ है जिसमें मखदूम गंज मजरे इनहौना के मखदूमगँज निवासी उमेश कुमार पुत्र राम बहादुर ने वर्ष 2016 में 2 हजार रूपए की किस्त जमा करने का खाता भारतीय स्टेट बैंक इन्हौना में खोला था जिसने मासिक छ किस्तों में ₹12000 की धनराशि बैंक में जरिए बचत खाता जमा की समय की अवधि पूरी होने के बाद भी खाताधारक की धनराशि नहीं मिल पा रही है इसे बैंक के शाखा प्रबंधक की मनमानी कहे या दबंगई क्योंकि एक खाताधारक जिसने अपना ही पैसा बचत करने के लिए बैंक में जमा किया और अब मिलने की बारी आई तो शाखा प्रबंधक से लेकर कैसियर तक टालमटोल कर रहे हैं खाताधारक उमेश कुमार की माने तो उसने भारतीय स्टेट बैंक में वर्ष 2016 में अपना मासिक खाता चालू किया था और उसकी अवधि 2019 में समाप्त हो गई जिसके बाद से खाताधारक बैंक के चक्कर काट रहा है उसे अभी तक उसकी जमा की गई धनराशि नहीं मिल पाई है जिसको लेकर खाताधारक भारतीय स्टेट बैंक की 2 साल से परिक्रमा कर रहा है इस मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक महावीर विश्वकर्मा तथा बैंक के कैशियर भी बैंक के जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं और खाताधारक परेशान है ,वहीं शाखा प्रबंधक महावीर विश्वकर्मा से इस पूरे मामले में बात करने का प्रयास किया गया तो छुट्टी का बहाना बताकर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया ।
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बैंक का सुरक्षा गार्ड रहा है खाता धारक उमेश ।भारतीय स्टेट बैंक इन्हौना के शाखा प्रबंधक रहे कैसियर दीनानाथ तिवारी वर्ष 2019 में अपने निजी काम से 26 जुलाई को बैंक शाखा के एटीएम की पहरेदारी करने वाले सुरक्षा गार्ड को बैंक की बजाए अपने निजी काम गैस सिलेंडर भरवाने के भेज दिया था जिसका एक्सीडेंट भी हो गया एक पैर बाया फैक्चर हो गया इसके बाद एक कर्मचारी ने अपना मोबाइल ही बंद कर लिया हालत खराब हुई तो जहां सुरक्षा गार्ड की हालत देनी हो गई बैंक शाखा सहित सुरक्षा कंपनी के जिम्मेदारों ने भी सुरक्षा गार्ड से अपना नाता तोड़ लिया जिसके बाद आज सुरक्षा गार्ड की हालत दयनीय बनी हुई है और ना ही उसे बैंक शाखा में नौकरी पर रखा गया नहीं उसका भुगतान ही हुआ है उसे आज भी अपने वेतन और बैंक खाते में जमा किए गए हुए पैसे की दरकार है हालांकि इस मामले में सुरक्षा गार्ड ने बैंकिंग लोकपाल से ऑनलाइन शिकायत की है जहां उसे अभी तक भी न्याय नहीं मिल सका है ।
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