स्वयं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे अधिवक्ता रामेंद्र सिंह

स्वयं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे अधिवक्ता रामेंद्र सिंह

प्रतापगढ 



27.10.2021




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




स्वयं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे अधिवक्ता रामेंद्र सिंह

    



प्रतापगढ जनपद मुख्यालय पर वकालत की प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता रामेंद्र सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी के पोर्टिको के सामने कल 26 अक्टूबर 2021 मंगलवार से स्वयं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में क्रमिक धरना शुरू कर दिया है।

     अधिवक्ता रामेन्द्र सिंह के समर्थन में धरने में शामिल वकील परिषद के अध्यक्ष रामनिवास उपाध्याय, सीनियर बार के अध्यक्ष महीप सिंह एवं जूनियर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मानसिंह सहित गिरीश चंद्र मिश्रा, गणेश नारायण मिश्र, अबरार जहानियां,रामसेवक त्रिपाठी, राम प्रसाद तिवारी, उमेश चंद्र दुबे,मनोज मिश्रा, प्रदीप तिवारी, रवि द्विवेदी, अशोक कुमार पांडे, इंद्र प्रताप सिंह, राम सिंहासन मिश्र, चिंतामणि पांडे, ओमप्रकाश सिंह, द्वारिका प्रसाद मिश्र, राजेंद्र सिंह जरियारी, राजेश्वर प्रसाद तिवारी, भूपेंद्र सिंह, संतोष तिवारी,विनोद सिंह, सतीश दुबे, नदीम खां, बसंत मिश्रा, राधे कृष्ण त्रिपाठी, स्कंध स्वरूप त्रिपाठी, ऐश्वर्य पांडे मानस व अन्य अधिवक्ता पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर अधिवक्ताओं पर हो रहे अत्याचार पर आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे बर्दाश्त न करने की धमकी भी दे डाली  है।

      सभी अधिवक्ताओं ने  तहसील लालगंज के ग्राम रांकी में स्थित अधिवक्ता रामेन्द्र सिंह की भूमिधरी पर थाना उदयपुर सीमा के अंतर्गत मंगापुर गांव निवासी शैलेंद्र सुत राम लोटन द्वारा अपने माफिया साथी शिव बहादुर सुत भारत एवं विमल सुत शिव बहादुर के सहयोग से सरहंगई व गुंडई के बल पर कथित पट्टा का आधार लेते हुए बदनियती से अवैध कब्जा करने का भयंकर आरोप लगाया है। उक्त शैलेंद्र  ठेकेदारी करता है व शिव बहादुर आदि भू माफियाओं का गांव में एक नाजायज गिरोह है। यह पट्टा पाने के पात्र नहीं हैं। फिर भी अपने पैसे के प्रभाव में अवैध पट्टा प्राप्त कर लिए हैं, जिसे जांच करके निरस्त होना चाहिए।

      जानकारी तो यहां तक हुई है कि रामेंद्र सिंह के प्रार्थना पत्र पर जिलाधिकारी महोदय ने मौके पर राजस्व विभाग की टीम गठित करके मामले का निस्तारण किए जाने का आदेश दिया है। लेकिन गांव के लेखपाल, एसडीएम लालगंज एवं थाना उदयपुर की पुलिस की मिलीभगत से कोई संतोषजनक कार्यवाही न होकर भू माफियाओं के न कहे जाने वाले प्रभाव में आकर लीपापोती की जा  रही है। बताया तो यह भी जाता है कि ए डी एम महोदय ने धरना स्थल पर पहुंचकर अधिवक्ता रामेंद्र सिंह व धरना स्थल पर बड़ी संख्या में मौजूद अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया है कि रामेंद्र सिंह की भूमिधरी भूमि पर अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा बल्कि अन्यायियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करा कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

      पता तो यहां तक चला है कि अधिवक्ता संगठनों के पदाधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर प्रकरण की जानकारी दिया, जिस पर उन्होंने  थाना उदयपुर में अवैध कब्जा करने वाले भू माफियाओं के विरुद्ध तत्काल एफ आई आर दर्ज करने का आदेश भी दिया है।

     अधिवक्ता रामेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि उनकी भूमिधरी गाटा संख्या 1524, 1525 एवं 1526 ग्राम रांकी तहसील लालगंज में पड़ती है और मंगापुर -रांकी पक्की सड़क के किनारे होने के कारण बेशकीमती भूमि है। जिस पर उनका  कब्जा दखल बराबर चला आ रहा है। वर्तमान समय में उनकी  धान व सरसों की फसल तैयार है। उक्त फसल को गुंडई के बल पर जेसीबी मशीन द्वारा उलटकर बर्बाद कर दिया गया है, जिससे लगभग ₹50,000/_का आर्थिक नुकसान हुआ है।

       इस अपराधिक प्रकरण में प्रश्न यह उठता है कि ग्राम मंगापुर के कथित पट्टाधारक को ग्राम रांकी की भूमिधरी भूमि में अतिक्रमण द्वारा अन्याय करने का अधिकार कहां से मिला है। यदि कोई पट्टा मिला भी है तो उसे ग्राम मंगापुर की जमीन ही तो नापकर दी जा सकेगी। पट्टाधारक को गांव रांकी में स्थित भूमिधरी भूमि पर अवैध कब्जा द्वारा अन्याय करने का कौन सा औचित्य है।

      बहरहाल, देखना है कि अधिवक्ताओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का मन बना चुके अधिवक्ता संगठनों के पदाधिकारियों का अगला अक्रामक कदम क्या होता है।

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