प्रसव के माह भर बाद प्रसूता के गर्भाशय में मिला कपडे़ का टुकड़ा, परिजनों ने किया हंगामा

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प्रतापगढ़
24. 09. 2020
रिपोर्ट --मो. हसनैन हाशमी
प्रसव के माह भर बाद प्रसूता के गर्भाशय में मिला कपडे़ का टुकड़ा,परिजनों ने किया हंगामा
आम जनमानस के सेहत का जिम्मा भले ही धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों को सरकार ने सौंप दिया है, लेकिन डॉक्टरों की घोर लापरवाही मरीजों के जान का दुश्मन बन रही है। ताजा मामला प्रतापगढ़ जनपद के पट्टी नगर स्थित सेठ पन्नालाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है।
जहां पर प्रसव होने के माहभर बाद महिला के गर्भाशय में कॉटन मिला। तकलीफ बढ़ने पर परिजनों ने अल्ट्रासाउंड कराया तो इसकी जानकारी हुई। स्वास्थ्य कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है । और परिजनों ने मामले की शिकायत पट्टी कोतवाली तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतापगढ़ से किया। पट्टी कोतवाली क्षेत्र के रामकोला गांव के रहने वाले सनी सिंह की पत्नी कविता गर्भ से थी।
बीते 13 अगस्त को प्रसूता को दर्द हुआ तो परिजन उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टी पहुंचे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर महेंद्र आश्वासन दिया कि बच्चा नार्मल पैदा होगा लेकिन कुछ देर बाद उन्हें बताया गया कि बच्चा मृत पैदा हुआ है। लेकिन इस दौरान गर्भ से बच्चे को निकालते समय डॉ महेंद्र और मौजूद नर्सों ने कपड़े का एक बड़ा टुकड़ा प्रसूता की पेट में छोड़ दिया।
कुछ दिन बाद बाद कविता के पेट में दर्द होने लगा लेकिन दवा लेने के बाद भी कोई आराम ना होने पर सनी सिंह ने अल्ट्रासाउंड करवाया तो पेट मे कपड़े होने की बात सामने आई इस बात से नाराज होकर बुधवार को सनी सिंह में अधीक्षक महेंद्र के खिलाफ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हंगामा किया और कोतवाली पट्टी में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई साथ ही साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी शिकायत करके मामले के बारे में अवगत कराया। जबकि इस मामले में डॉ अधीक्षक महेंद्र कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रसव के बाद रक्तस्राव रोकने के लिए कॉटन लगाकर पैकिंग की जाती है। बाद में उसे निकाल देना होता है।
अस्पताल से जाने के बाद महिला ने न तो कॉटन निकाला और ना ही दोबारा इससे दिक्कत हुई। लापरवाही का आरोप बेबुनियाद और निराधार है। सेटिंग की दवाओं के साथ चलता है गोरख धंधा पट्टी नगर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कारनामे ही कुख्यात नहीं है,बल्कि एक अन्य डॉक्टर भी सेटिंग की दवाएं लिखकर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा कमाने में माहिर है,साथ ही साथ अवैध रूप से पैथोलॉजी चला रहे हैं। पैथोलॉजी संचालकों से सांठगांठ करके पैसा कमाने तथा जेनेरिक दवाओं ने वह काफी हद तक कमीशनखोरी कर पैसा कमाने में कुख्यात है।
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