कार्यवाहक प्रधानाचार्य की कार्य शैली से शिक्षक/ कर्मचारियों में आक्रोश

कार्यवाहक प्रधानाचार्य की कार्य शैली से शिक्षक/ कर्मचारियों में आक्रोश

प्रतापगढ 


29.11.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी 


कार्यवाहक प्रधानाचार्य की कार्य शैली से शिक्षक, कर्मचारियों में आक्रोश 



प्रतापगढ जनपद के नगर पंचायत मानिकपुर में स्थित वित्तपोषित इण्टर कालेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य की कार्य प्रणाली बहुत ही घटिया व शर्मनाक है जिससे शिक्षक/कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। प्रधानाचार्य कर्मचारियों में "फूट डालो राज करो" की तर्ज पर विद्यालय को चला रहे हैं। अपने चहेते कर्मचारियों को पूरी तरह से छूट देते हैं और उनके अनैतिक कार्यों का विरोध करने वाले शिक्षक/ कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।उनके चहेते कर्मचारियों को विद्यालय की समय सीमा से कोई मतलब नहीं रहता है। वह कब विद्यालय  आते हैं और  कब विद्यालय से  चले जाते हैं, इसको पूंछने वाला कोई नहीं है। अगर उक्त मनमानी का  शिक्षक/ कर्मचारियों द्वारा विरोध किया जाता है तो उसे प्रधानाचार्य के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है।इतना ही नहीं कुछ शिक्षक / कर्मचारी कई- कई दिनों ग़ायब रहने के बाद भी उपस्थित पंजिका में आकर हस्ताक्षर करते हैं। और प्रधानाचार्य के चहेते होने का पूरा का पूरा लाभ उठा रहे हैं। जो शिक्षक / कर्मचारी ईमानदारी से लगन व निष्ठा के साथ अपनी डियुटी करते हैं उन्हें कार्यवाहक प्रधानाचार्य द्वारा  तरह तरह से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। प्रधानाचार्य के कृपा पात्र शिक्षक/ कर्मचारी जब चाहें विद्यालय आयें, जब चाहें विद्यालय में हस्ताक्षर करने के बाद चले जाएं। कई-कई दिनों तक गायब रहने के बाद उपस्थित पंजिका में गायब रहने की अवधि का भी  आकर हस्ताक्षर करें।जब कोई शिक्षक/ कर्मचारी इसका विरोध करने का साहस करता है तो उसे तरह तरह से प्रधानाचार्य द्वारा धमकाया जाता है।प्रधानाचार्य द्वारा  कुछ अपने चहेते कर्मचारियों को "कार्य अवकास" तथा "प्रतिकर अवकास" अनावश्यक रूप से दिया जाता है।कार्यवाहक प्रधानाचार्य द्वारा शिक्षक/ कर्मचारियों  का मानसिक प्रताड़ना का शिकार अबतक कई शिक्षक/ कर्मचारी हो चुके हैं। एकाध शिक्षक तो प्रधानाचार्य की प्रताड़ना से अपनी जान तक गंवा चुके हैं।कार्यवाहक प्रधानाचार्य अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी भी शिक्षक/ कर्मचारी की बलि चढ़ाने में कोई भी संकोच नहीं करते हैं। शिक्षकों, कर्मचारियों को अपमानित करना इनकी आदत बन चुकी है। और  हर अनैतिक कार्य करना कोई इण्टर कालेज मानिकपुर के कार्यवाहक प्रधानाचार्य रमाकान्त से कोई सीखे।और उनके  अनैतिक कार्यों में सहयोग एवं समर्थन करने वाले गुलछर्रे उड़ा रहे हैं और विरोध करने वाले मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर  परेशान हो रहे हैं। यदि समय रहते उच्चाधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो किसी भी दिन इण्टर कालेज मानिकपुर जंग का मैदान बन सकता है।

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