अविस्मरणीय रहेगा डॉ डी पी ओझा के साहित्य लेखन का प्रयास--परशुराम उपाध्याय "सुमन"
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 9 December, 2021 08:48
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प्रतापगढ
08.12.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
अविस्मरणीय रहेगा डॉ डी पी ओझा के साहित्य लेखन का प्रयास---परशुराम उपाध्याय 'सुमन:
प्रतापगढ़ जनपद के वकील परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष एवं साहित्यिक संस्था कविकुल के अध्यक्ष परशुराम उपाध्याय 'सुमन' ने हेमवती नंदन बहुगुणा स्नातकोत्तर महाविद्यालय लालगंज के पूर्व प्राचार्य डॉ दुर्गा प्रसाद ओझा द्वारा लिखे गए "हिंदी कविता के प्रतिनिधि स्वर" नामक काव्यग्रंथ के लालगंज अझारा के बाबूगंज रोड स्थित शिवराज पब्लिक स्कूल में आगामी 12 दिसंबर, 2021 (रविवार) को पूर्वाह्न 11:00 बजे आयोजित लोकार्पण समारोह पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि डॉ ओझा जी के साहित्य लेखन का यह प्रयास, सदैव अविस्मरणीय रहेगा।
मिली जानकारी के अनुसार समारोह के मुख्य अतिथि हिंदुस्तानी अकेडेमी प्रयागराज के अध्यक्ष डॉ उदय प्रताप सिंह एवं विशिष्ट अतिथि लखनऊ मंडल के शिक्षक विधायक माननीय उमेश द्विवेदी जी होंगे।
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर दुर्गा प्रसाद ओझा जी ने "हिंदी कविता के प्रतिनिधि स्वर" नामक काव्यग्रंथ में आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल से लेकर आधुनिककाल तक के कुल 39 कवियों के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला है।
डॉ ओझा जी ने आदिकाल के कविवरेण्य चंद्रवरदाई तथा विद्यापति सहित भक्तिकाल के कबीरदास, मलिक मोहम्मद जायसी, सूरदास, तुलसीदास,भूषण के अलावा आधुनिककाल से भारतेंदु हरिश्चंद्र, जगन्नाथदास रत्नाकर अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध', मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानंदन 'पंत', महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह 'दिनकर', हरिवंश राय
' बच्चन', सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय', गजानन माधव 'मुक्तिबोध', नागार्जुन, केदारनाथ अग्रवाल, शमशेर बहादुर सिंह, भवानी प्रसाद मिश्र, नरेश मेहता, सुदामा प्रसाद पांडेय 'धूमिल', धर्मवीर भारती' केदारनाथ सिंह, त्रिलोचन शास्त्री,' बलभद्र दीक्षित,' चंद्रभूषण त्रिवेदी 'रमईकाका', रघुवीर सहाय, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, आद्या प्रसाद मिश्र 'उन्मत्त', राजेश जोशी तथा लीलाधर जगूड़ी जैसे नामचीन रचनाकारों को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय 'सुमन' ने जनपद के साहित्यकारों एवं हिंदीप्रेमियों से अपील किया है कि वे इस साहित्यिक काव्यग्रंथ के ऐतिहासिक लोकार्पण समारोह के साक्षी बनें।
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